Mode Latihan Teks
BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
Dibuat Feb 26th 2020, 13:47 oleh akash khare
0
425 kata-kata
5 selesai
0
Nilai terlihat setelah 3 vote atau lebih
Menyimpan score / memuat statistik ...
00:00
प्रारम्भिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन का लिखित पाठ्यक्रम अत्यंत छोटा है। जबकि इसका दायरा इतना बड़ा है कि आप इसे काफी कुछ रहस्यवादी कह सकते हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सब कुछ अज्ञात ही है। इसके लिए आपको चाहिए कि लिखित पाठ्यक्रम के साथ आप इन दो तथ्यों को शामिल कर ले। पहला-पिछले पाँच वर्षों के प्रश्न पत्र तथा दूसरा इस विषय पर प्राप्त गाइडेन्स, जो पुस्तक के रूप में हो सकते हैं, तो व्यक्ति के रूप में भी। ऐसा करने से पाठ्यक्रम का आकार उभरने लगेगा। साथ ही उसकी सीमायें दिखाई देने लगेगी, करेन्ट अफेयर्स के संबंध में विशेष रूप से। आप स्वयं सोचें कि यदि आपके जेहन में पाठ्यक्रम ही सही-सही रूप में नहीं होगा, जिसे मैं यहाँ 'राजपथ' कहना चाहूंगा, तो फिर आपके चलने की दिशा कैसे निर्धारित होगी। आप जानते हैं कि यदि दिशा ही सही नहीं हुई, तो फिर तेज से तेज रफ्तार भी आपको आपकी मंजिल तक नहीं पहुँचा सकती है।
पाठ्यक्रम की अच्छी समझ एवं उसकी स्मृति के साथ ही साथ दूसरी जरूरी बात यह है कि आपको स्पष्ट होना चाहिए कि इस पाठ्यक्रम के अलग-अलग विषयों एवं प्रत्येक विषय के अलग-अलग टापिक्स का आपके लिए कितना महत्व है। आप यहाँ ''सब धान बाइस पसेरी'' के समाजवादी दर्शन को लेकर नहीं चल सकते। पूर्व वर्षों के प्रश्न पत्रों के गहन विश्लेषण के द्वारा ऐसा किया जा सकता है। इसके अभाव में आपकी तैयारी यूपीएससी के लिए तो हो जायेगी, लेकिन उसकी परीक्षा के लिए नहीं। इसे ही मैंने रणनीति कहा है। रणनीति, यानी कि युद्धनीति, एक ऐसी नीति, जो हमं युद्ध में जीता सके।
तीसरा महत्वपूर्ण बिन्दु है- पढ़ने का तरीका। यह शब्द पढ़कर शायद आपके ओठों पर यह सोचकर मेरे लिए एक व्यंग्यपूर्ण आलोचात्मक मुस्कान की लकीर उभर आई होगी कि ''क्या हमें पढ़ना नहीं आता। मैं सभी के बारे में तो नहीं लेकिन अधिकांश के बारे में तो पूरे दावे के साथ कह सकता हूँ कि हाँ आई.ए.एस. बनने के लिए जिस तरह पढ़े जाने की जरूरत होती हैं, उस तरह से पढ़ना नहीं आता।
आप मेरी इस तय की जाँच कर सकते है। आप एक टॉपिक को अपनी तरह से पढ़ लें। फिर उसी टॉपिक पर प्री एवं मेन्स में पूछे गये प्रश्न को हल करें। यदि आप हल कर लेते हैं, तो आपने प्रूफ कर दिया है कि आपको आता है। अन्यथा आपको सोचना चाहिए कि वह कौन सा कारण है कि पढ़ने के बाद भी प्रश्न हल नहीं हो रहा है। कारण बहुत स्पष्ट है कि आपने उस तरीके से बैंटिग नहीं की, जिस तरीके से की जानी चाहिए थी।
पाठ्यक्रम की अच्छी समझ एवं उसकी स्मृति के साथ ही साथ दूसरी जरूरी बात यह है कि आपको स्पष्ट होना चाहिए कि इस पाठ्यक्रम के अलग-अलग विषयों एवं प्रत्येक विषय के अलग-अलग टापिक्स का आपके लिए कितना महत्व है। आप यहाँ ''सब धान बाइस पसेरी'' के समाजवादी दर्शन को लेकर नहीं चल सकते। पूर्व वर्षों के प्रश्न पत्रों के गहन विश्लेषण के द्वारा ऐसा किया जा सकता है। इसके अभाव में आपकी तैयारी यूपीएससी के लिए तो हो जायेगी, लेकिन उसकी परीक्षा के लिए नहीं। इसे ही मैंने रणनीति कहा है। रणनीति, यानी कि युद्धनीति, एक ऐसी नीति, जो हमं युद्ध में जीता सके।
तीसरा महत्वपूर्ण बिन्दु है- पढ़ने का तरीका। यह शब्द पढ़कर शायद आपके ओठों पर यह सोचकर मेरे लिए एक व्यंग्यपूर्ण आलोचात्मक मुस्कान की लकीर उभर आई होगी कि ''क्या हमें पढ़ना नहीं आता। मैं सभी के बारे में तो नहीं लेकिन अधिकांश के बारे में तो पूरे दावे के साथ कह सकता हूँ कि हाँ आई.ए.एस. बनने के लिए जिस तरह पढ़े जाने की जरूरत होती हैं, उस तरह से पढ़ना नहीं आता।
आप मेरी इस तय की जाँच कर सकते है। आप एक टॉपिक को अपनी तरह से पढ़ लें। फिर उसी टॉपिक पर प्री एवं मेन्स में पूछे गये प्रश्न को हल करें। यदि आप हल कर लेते हैं, तो आपने प्रूफ कर दिया है कि आपको आता है। अन्यथा आपको सोचना चाहिए कि वह कौन सा कारण है कि पढ़ने के बाद भी प्रश्न हल नहीं हो रहा है। कारण बहुत स्पष्ट है कि आपने उस तरीके से बैंटिग नहीं की, जिस तरीके से की जानी चाहिए थी।
