Text Practice Mode
Name Nandi Bhai Morena M.P
created Feb 27th 2020, 04:32 by 9755336418
1
411 words
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				राष्ट्रपति के सुरक्षा संबंधी मामलों के उप सहायक ने कहा है  कि भारत पाकिस्तान ने परमाणु प्रक्षेपास्त्र क्षमता प्राप्त कर ली है। वे अलग-अलग उपने परमाणु कार्यक्रमों के विस्तार कर रहे हैं । यद्यपि दोनों देशों ने न तो अपनी इस क्षमता को स्वीकार किया है और न ही इन अस्त्रों को तैनात किया है। इस बात के आशा जनक संकेत मिले हैं कि भारत और पाकिस्तान द्धि पक्षीय संबंधों को मधुर बनाने के लिए बातचीत करने के लिए उत्सुक हो रहे हैं । इस संबंध में दोनों पक्षों की ओर से कुछ संयम बरतने की आवश्यकता है। अमरीका इस बात के लिए भारत और पाकिस्तान को हमेशा प्रोत्साहित करता रहेगा कि वे अपने आपसी मतभेदों को भुला कर समझौता और बातचीत के जरिए अपनी समस्या हल करें। दोनोंं देशों को व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि और परमाणु सामग्री प्रतिबंध संधि का स्वीकार करना चाहिए और अंतत: इन मतभेदों को समाप्त करने के लिए उन्हें ही प्रयास करने होंगे इससे पहले दक्षिण एशिया के बारे में क्लिंटन प्रशासन ने रूख की चर्चा करते हुए अमरीका ने कहा कि भरत तथा पाकिस्तान की समस्याओं को जिसमें पचास वर्ष पुराना कश्मीर विवाद भीा शामिल है उसे हल करने में हम कोई मध्यस्थता नहीं करेंगे। अमरीका का यह  भी कहना है कि सही है कि वह दोनों देशों की समस्याओं को हल करने में उनकी सहायता कर सकता है । इस संबंध में हमारी राय मध्यस्थ की हैसियत से है पर इसे प्रत्यक्ष भूमिका नहीं समझनी चाहिए । यह बात पाकिस्तानी राजदूत की उपस्थिति में कहीं गई थी चूंकि पाकिस्तानी राजदूत ने पहले अमरीका तथा उन्य देशों से भारत पर इस बात के लिए दबाव डालने को कहा था कि वह उन्य देशों से भारत पर इस बात के लिए दबाव डालने को कहा कि वह कश्मीर सहित अन्य विवादस्पद मामलों पर बातचीत करें। दोनों देशों के बीच के लिए आज एक दशक पुर्व से अधिक उपयुक्त वातावरण है। उन्होंने इस मामले में उनके विचार में सहमति व्यक्त नहीं की है।  
यह पूछने पर कि आपकी इस आशावादित के पीछे क्या आधार है तब उन्होंनेें कहा कि शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद से दक्षिण एशिया की स्थिति में कुछ मौलिक परविर्तन आया है । इसका मुख्य कारण भारत और पाकिस्तान में आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया का शुरू होना हो सकता है। भारत प्रशांत देशों के आर्थिक ग्रुप जैसे अन्य ग्रुपों मेें शामिल होना चाहता है और उधर पाकिस्तान जो हाल तक आर्थिक संकट में था, अब अपने विवादों को हल करना चाहता है ।
			
			
	        यह पूछने पर कि आपकी इस आशावादित के पीछे क्या आधार है तब उन्होंनेें कहा कि शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद से दक्षिण एशिया की स्थिति में कुछ मौलिक परविर्तन आया है । इसका मुख्य कारण भारत और पाकिस्तान में आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया का शुरू होना हो सकता है। भारत प्रशांत देशों के आर्थिक ग्रुप जैसे अन्य ग्रुपों मेें शामिल होना चाहता है और उधर पाकिस्तान जो हाल तक आर्थिक संकट में था, अब अपने विवादों को हल करना चाहता है ।
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