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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्‍येय✤|•༻

created Nov 28th 2020, 08:59 by DeendayalVishwakarma


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बहुत पहले एक शहर था जहां एक डरावनी गुफा थी, जिसके पास रात के समय रास्‍ता भूलकर पहुंच जाने से बात से हर कोई सबसे ज्‍यादा डरता था। वहां से कोई भी वापस नहीं लौटा था, और जब भी कोई भटककर उस गुफा में पहुंच गया तो बस उसकी अंतिम दहशत भरी चीख और जोर-जोर से ठहाके की कुछ आवाजें ही सुनाई देती थी। शहरवासियों को हमेशा यह आतंक सताता रहता था कि एक दिन राक्षस गुफा से बाहर निकल आएगा। इसलिए वे गुफा के द्वार पर नियमित रूप से उपहार और भोजन रख आते थे, और ये सभी चीजें जल्‍द ही वहां से गायब हो जाया करती थी। एक दिन, एक युवक शहर आया, और जब उसने उस गुफा के बारे में सुना तो उसे यह बहुत गलत लगा। इसलिए उसने गुफा के द्वार तक नहीं गया। वह मशाल की मदद से अपना रास्‍ता खोजते और राक्षस को पुकारते हुए उससे बात करने की बात कहते हुए गुफा के अन्‍दर गया। पहले राक्षस खूब देर तक ठहाके लगाता रहा और युवक उसकी आवाज की दिशा में चलता रहा। लेकिन फिर राक्षस चुप हो गया, और युवक अब बिना किसी दिशा संकेत के आगे की ओर चलता रहा। अंत में वह गुफा में बनी एक खोड के पास पहुंचा। खोह के पास पहुंचने पर उसे लगा कि राक्षस वहीं है और जैसे ही वह उसके पास पहुंचा उसे लगा कि किसी ने जोर से उसकी पीठ पर थक्‍का दिया है। धक्‍का लगने से वह चट्ठान में बने छेद में की ओर गिरा उसे लगा कि अब वह मरने वाला है इसलिए उसने अंतिम बार जोर से चीख मारी, और इसके बाद उसे भारी ठहाकों की आवाजें सुनाई दीं। गिरते हुए उसे लगा कि राक्षस ने उसे निगल लिया है और अब उसकी कहानी खत्‍म होने वाली है। लेकिन, गिरते समय उसने संगीत भरी आवाजें सुनी। जब वह नीचे एक मखमली गद्दे पर आराम से गिरा तो वे आवाजें और साफ हो गईं और उसने अपने आप को अनेक लोगों से घिरा हुआ पाया जो आमोद प्रमोद में मगन थे। उसे बहुत अचरज हुआ। ये वही लोग थे जो गुफा में आकर कभी शहर नहीं लौटे थे। उन्‍होंने उसे बताया यह जगह बनाने का विचार शहर के पुराने मेयर का था। उस मेयर ने अनेक बेहतरीन काम करने की योजना बनाई थी लेकिन लोग डर के कारण कोई नया काम शुरू करने के लिए तैयार ही नहीं होते थे। इसलिए मेयर ने राक्षस की कहानी प्रचलित की ताकि लोगों को पता चले कि डर कर नया काम शुरू करने से हम सीमित और संकुचित हो जाते हैं। इसलिए वह युवक वहीं उन सभी लोगों के साथ रहने लगा जिन्‍होंने गुुफा  के पास जाने का साहस किया था। और शहर वाले अभी भी यही मानते हैं कि डर की गुफा में प्रवेश करना सबसे भयानक दंड है।

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