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सॉंई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Feb 26th 2021, 06:09 by lovelesh shrivatri
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कोविड-19 की महामारी की वजह से जहां एक और सिनेमा हाल एवं थिएटर बंद हुए, वहीं दूसरी और यह महामारी इंटरनेट के लिए एक वरदान साबित हुई। ओटीटी अर्थात ओवर द टॉप अर्थात मोबाइल पर उपलब्ध मनोरंजन के साधनों की मांग एकाएक लॉकडाउन के एक माह के अंदर ही पूरी दुनिया में शिखर पर पहुंच गई। ओटीटी में भारत आज पूरे विश्व में दसवें स्थान पर है। अत: यह अति आवश्यक है कि ऑनलाइन कंटेंट पर वैधानिक नियंत्रण हो। टीवी, डीटीएच, नियमों के अंतर्गत सेंसर बोर्ड, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भातरीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण जैसी कई वैधानिक संस्थाओं से नियम अनुसार नियंत्रित होते है। दुर्भाग्यवश कोई भी संस्था अथवा अधिनियम ओटीटी को नियंत्रित नहीं करता। टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों में जहां मदिरापान, धूम्रपान एवं किसी भी तरह का फूहड़पन पर नियामक एजेन्सियां रोकने की कोशिश करती है कड़े प्रतिबन्ध लगाए जाते है, लेकिन ओटीटी के लिए ऐसे कोई प्रावधान नहीं है। ओटीटी मदमस्त हाथी की तरह हो चुका है, जिसका न तो कोई महावत है और न कोई ठिकाना। वहां जहां चाहे, जैसा विचरण कर सकता है। वैधानिक प्रश्न यह भी उठता है जिस प्रकार से फेसबुक, ट्विटर या अन्य सोशल मीडिया मंच के पास सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के अंतर्गत यह बचाव उपलब्ध होता है कि उन पर आने वाली संपूर्ण विषय सामग्री उनके नियंत्रण के बाहर है।
