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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Apr 14th 2021, 04:18 by ddayal2004
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एक गांव में एक किसान रहता था। किसान बहुत गरीब था वह और उसकी पत्नी हमेशा पैसे-पैसे के लिए परेशान थे। किसान की औरत उससे कहती क्या हम पूरी जिंदगी ऐसे ही दुखों के साथ बिताएंगे, क्या हमारी जिंदगी में कभी खुशियां नहीं आएंगी। किसान पत्नी की ये बाते सुनकर दुखी होता। मगर वह पत्नी को दिलासा देता, वह कहता इतना परेशान मत हो धैर्य रखो। ईश्वर इतना निर्दई नहीं हो सकता आज नहीं तो कल वह हमारी जरूर सुनेगा। वो एक दिन हमारे सारे दुख दूर कर देगा और हमारा जीवन खुशियों से भर देगा। वह इतना निर्दई नहीं हो सकता। पति की यह बात सुनकर पत्नी भी आधे मन से उसकी बातों को मान लेती और कहती उम्मीद है जैसा तुम कह रहे हो वैसा ही हो।
किसान वैसे तो बड़ा मेहनती था। मगर उसके लाख परिश्रम के बाद भी उसका जीवन दुखों से भरा था और ऐसा क्यों न हो उसकी परेशानी का कारण उसका भाग्य था। उसके पास खेती के लिए भूमि ही बहुत कम थी। वह थोड़ी भूमि में जितना चाहे पसीना बहा ले, उसके हाथ सिवा निराशा से ज्यादा कुछ नहीं आने वाला था। मगर एक दिन किसान के कहे अनुसार वाकई ईश्वर ने उसकी सुन ली किसी ने किसान को बताया कि जमीदार बहुत दयालु स्वभाव के हैं। अगर वह उनसे जाकर अपनी परेशानी बताएगा तो जमींदार उसकी मदद जरूर करेगा। उस व्यक्ति के कहे अनुसार किसान अगले दिन सुबह ही अपनी फरियाद लेकर जमींदार के पास जा पहुंचा।
जमींदार ने उसकी बात बड़े ध्यान से सुनी और फिर उसे मदद का आश्वासन दिया जमींदार ने किसान के बारे में अपने लोगों से पता लगाने को कहा जमींदार के आदमी ने किसान के बारे में सारी जानकारी इकट्ठा कर जमींदार को बताया कि वाकई किसान बड़ा गरीब है। वह बहुत मेहनती है मगर मेहनत करने के लिए उसके पास भूमि की कमी है। जमींदार ने फौरन किसान के पास अपने आदमी को भेजा और उसे मिलने को कहा किसान की खुशी का ठिकाना नहीं रहा वह झटपट जमींदार से मिलने के लिए चल पड़ा।
किसान वैसे तो बड़ा मेहनती था। मगर उसके लाख परिश्रम के बाद भी उसका जीवन दुखों से भरा था और ऐसा क्यों न हो उसकी परेशानी का कारण उसका भाग्य था। उसके पास खेती के लिए भूमि ही बहुत कम थी। वह थोड़ी भूमि में जितना चाहे पसीना बहा ले, उसके हाथ सिवा निराशा से ज्यादा कुछ नहीं आने वाला था। मगर एक दिन किसान के कहे अनुसार वाकई ईश्वर ने उसकी सुन ली किसी ने किसान को बताया कि जमीदार बहुत दयालु स्वभाव के हैं। अगर वह उनसे जाकर अपनी परेशानी बताएगा तो जमींदार उसकी मदद जरूर करेगा। उस व्यक्ति के कहे अनुसार किसान अगले दिन सुबह ही अपनी फरियाद लेकर जमींदार के पास जा पहुंचा।
जमींदार ने उसकी बात बड़े ध्यान से सुनी और फिर उसे मदद का आश्वासन दिया जमींदार ने किसान के बारे में अपने लोगों से पता लगाने को कहा जमींदार के आदमी ने किसान के बारे में सारी जानकारी इकट्ठा कर जमींदार को बताया कि वाकई किसान बड़ा गरीब है। वह बहुत मेहनती है मगर मेहनत करने के लिए उसके पास भूमि की कमी है। जमींदार ने फौरन किसान के पास अपने आदमी को भेजा और उसे मिलने को कहा किसान की खुशी का ठिकाना नहीं रहा वह झटपट जमींदार से मिलने के लिए चल पड़ा।
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