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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Apr 17th 2021, 11:46 by lovelesh shrivatri
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एक घाटी में, एक दानव अकेला रहता था। एक दिन वह घूमने निकला और उसने मदन नाम के एक लड़के को देखा। दानव ने उसे बुलाया और पूछा- क्या तुम किसी को जानते हो जो मेरे साथ शतरंज खेल सके। डर से कॉपते हुए मदन ने अपनी मालकिन माया के दानव की इच्छा बताई। माया, दानव के पास अपने दोस्त जीवन को लेकर गई जो शतरंज का कमजोर खिलाड़ी था। वह दानव को नाराज नहीं करना चाहाती थी। उस दिन से वे दानव के अच्छे दोस्त बन गए और अक्सर वहां के पास आने लगा। माया और उसके कुछ दोसतों ने मिल कर दानव के लिए स्वेटर बुनना। स्वेटर देखकर दानव बहुत खुश हुआ। उसने उन्हें धन्यवाद किया और कहा कि मैं पहाड़ों पर अपने दानव मित्रों के पास जा रहा हूं। मैं अपने साथ स्वेटर भी ले जा रहा हूं। इसके बाद वह दानव कभी भी वहां पर दिखाई नहीं दिया।
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