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स्वतन्त्रता आन्दोलन (157 शब्द) junior assistant typing practice

created Sep 2nd 2015, 14:37 by


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भारत का इतिहास ऐसे अनेक वीरों का साक्षी है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा और मान-मर्यादा के लिए अपने सुखों को त्याग दिया और मन में मर-मिटने का अरमान लेकर शत्रु पर टूट पड़े। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, लाला लाजपतराय आदि अनेक देशभक्तों ने अनेक कष्ट सहकर और प्राणों का बलिदान करके देश की स्वाधीनता की ज्योति को प्रजवलित किया। इसी स्वदेश प्रेम के कारण राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अनेकों कष्ट सहे, जेलों में रहते तथा अन्त में अपने प्राण निछावर कर दिये। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार बल्लभभाई पटेल, पं. जवाहरलाल नेहरू आदि देशरत्नों ने आजीवन देश की सेवा की। श्रीमती इन्दिरा गाँधी देश की एकता और अखण्डता के लिए नृशंस आतंकवादियों की गोलियों का शिकार बनीं।
देशभक्तों को सुख-समृद्धि, धन, यश, कंचन और कामिनी, की आकांक्षा नहीं होती है। उन्हें तो केवल अपने देश की स्वतन्त्रता, उन्नति और गौरव की कामना होती है। वे देश के लिए जीते हैं और देश के लिए मरते हैं।

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