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हमारे म.प्र. हाईकोर्ट के ग्रुप से जुड़ने के लिए आज ही अपना नाम व सिटी का नाम इस नम्बर पर मैसेज करें- 8109957050
created Aug 14th 2021, 03:26 by manish jain
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				हमारे म.प्र. हाईकोर्ट के ग्रुप से जुड़ने के लिए आज ही अपना नाम व सिटी का नाम इस नम्बर पर मैसेज करें- 8109957050 इस ग्रुप के अंदर रोज रात 9 बजे अंग्रेजी और कम्प्यूटर का टेस्ट होता है और शनिवार को महा टेस्ट होता है लिंक के माध्यम से मैटर दिया जाता है जिससे बच्चेे अपना स्क्रीनशॉट ग्रुप में डालकर अपनी स्पीड और एकयूरेशी का आकलन करते हैं और इस ग्रुप के अंदर जॉब अलर्ट, वीडियों के द्वारा म.प्र.हाईकोर्ट में आये हुए पुराने पेपर को भी सॉल्व  कराया जाता है आज ही हमारे ग्रुप  सें  जुड़ें। अस्था्ई व्यामदेश जारी किए जाने के लिए प्रथम दृष्टाया प्रकरण, सुविधा का संतुलन तथा अपर क्षति बिंन्दुओं का आवेदक वादी के पक्ष में प्रमाणित होना आवश्यक है अत: अस्थााई व्यालदेश जारी करने के उपरोक्ती सुनिश्यिचत सिद्धांतों को दृष्टिगत रखते हुए वादी के निराकरण किया जा रहा है।  
आवेदन के समर्थन में आवेदक आनंद कुमार और राकेश राय द्वारा शपथ पत्र पेश किया गया है जिसके खण्डनन व जबाव के समर्थन में अनावेदक राज्य्पाल द्वारा प्रतिशपथ पेश किया गया है।
यह तथ्य र्निविवादित है कि दिनांक 28-01-2010 को एक इकरार नाम पथिरियार जाट स्थित खसरा नम्बनर 412/01 में .35 बिस्मिल भूमि 11 लाख रूपये में विक्रय का प्रतिवादी गढ द्वारा वादीगण के पक्ष मं निष्पाकदित किया गया और वैयनामा के रूप में दो लाख रूपये चैक से और एक लाख रूपये नगद प्रतिवादीगण द्वारा वादी से प्राप्ता कर कुल 3 लाख रूपये प्राप्त किये गये इकरार नामा के अनुसार 6 माह के अंदर विवादित भूमि का विक्रय पत्र रजिस्टर्ड कराकर प्रतिवादीगण द्वारा कब्जा् वादी को सौंपा जाना था, लेकिन रजिस्ट्री वादीगण प्रतिवादीगण के वादीगण का कहना है कि वैयनामा कराने के सदैव तत्प र रहे, लेकिन प्रतिवादीगण द्वारा जानबूझकर वैयनामा कराने में रूचि नहीं ली गई, जब कि इसके विपरीत का कहना है कि उन्होंकने छ: माह के अंदर विवादित भूमि की विक्रय रजिस्ट्री कराने का प्रयास किया । हमारे म.प्र. हाईकोर्ट के ग्रुप से जुड़ने के लिए आज ही अपना नाम व सिटी का नाम इस नम्बर पर मैसेज करें- 8109957050
 
			
			
	        आवेदन के समर्थन में आवेदक आनंद कुमार और राकेश राय द्वारा शपथ पत्र पेश किया गया है जिसके खण्डनन व जबाव के समर्थन में अनावेदक राज्य्पाल द्वारा प्रतिशपथ पेश किया गया है।
यह तथ्य र्निविवादित है कि दिनांक 28-01-2010 को एक इकरार नाम पथिरियार जाट स्थित खसरा नम्बनर 412/01 में .35 बिस्मिल भूमि 11 लाख रूपये में विक्रय का प्रतिवादी गढ द्वारा वादीगण के पक्ष मं निष्पाकदित किया गया और वैयनामा के रूप में दो लाख रूपये चैक से और एक लाख रूपये नगद प्रतिवादीगण द्वारा वादी से प्राप्ता कर कुल 3 लाख रूपये प्राप्त किये गये इकरार नामा के अनुसार 6 माह के अंदर विवादित भूमि का विक्रय पत्र रजिस्टर्ड कराकर प्रतिवादीगण द्वारा कब्जा् वादी को सौंपा जाना था, लेकिन रजिस्ट्री वादीगण प्रतिवादीगण के वादीगण का कहना है कि वैयनामा कराने के सदैव तत्प र रहे, लेकिन प्रतिवादीगण द्वारा जानबूझकर वैयनामा कराने में रूचि नहीं ली गई, जब कि इसके विपरीत का कहना है कि उन्होंकने छ: माह के अंदर विवादित भूमि की विक्रय रजिस्ट्री कराने का प्रयास किया । हमारे म.प्र. हाईकोर्ट के ग्रुप से जुड़ने के लिए आज ही अपना नाम व सिटी का नाम इस नम्बर पर मैसेज करें- 8109957050
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