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मध्यप्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट HINDI TYPING PRACTICE SHUBHAM BAXER Chhindwara m.p.
created Sep 6th 2021, 13:09 by shubham baxer
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आवेदक सुनील ठाकरे आ.सा.1 अनुसार उसकी पुत्री ऋषिका अपनी मॉं के साथ मामा के घर ग्राम खमरा (बिछुआ) गई थी एवं दिनांक 29.05.2018 को सुबह लगभग 10.30 बजे मामा सुरेंद्र के घर के सामने खड़ी थी, उसी समय अ.क्र.1 रेशमलाल ने मोटर साईकिल को तेजी एवं लापरवाहीपूर्वक चलाकर सड़क किनारे खड़ी ऋषिका को टक्कर मारी, जिससे उसके दाहिने पैर के घुटने और पिंडली में गंभीर चोटे आकर अस्थिभंग हुआ। अपने कथन के समर्थन में दुर्घटना के संबंध में लिखाई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट प्र.पी.1, नक्शा मौका प्र.पी.2, मोटर साईकिल एवं दस्तावेजों का जप्ती पत्रक प्र.पी.5 की प्रमाणित प्रति साथ ही पुलिस द्वारा अन्वेषण उपरांत तैयार अंतिम प्रतिवेदन प्र.पी.6 की प्रमाणित प्रतिलिपि पेश की है, जिसके अनुसार पुलिस ने प्रथम दृष्ट्या अ.क्र.1 को घटना के लिये दोषी पाया है। सुरेंद्र बाकोड़े आ.सा.2 ने आवेदक के कथनों का समर्थन करते हुये बताया है कि दुर्घटना दिनांक 29.05.2018 को सुबह लगभग 10 बजे वह, उसका भाई शेषराव व अरूण घर के सामने आंगन में बैठे थे और ऋषिका घर के सामने खड़ी थी, उसी समय अक्र. 1 ने लापरवाहीपूर्वक मोटर साईकिल चलाकर सड़क किनारे खड़ी ऋषिका को टक्कर मारी, जिसके परिणामस्वरूप ऋषिका को गंभीर चोटे कारित हुई। सुरेंद्र को पुलिस ने घटना का प्रत्यक्षदर्शी साक्षी बताया है तथा उसका नाम अंतिम प्रतिवेदन में उल्लेखित साक्ष्य सूची के सूची क्र.-1 पर अंकित है। प्रतिपरीक्षण में भी साक्षी का कथन अखण्डित रहा है। अनावेदकगण ने यह बचाव लिया है कि आवेदिका ऋषिका स्वयं अपनी गलती से अन्य किसी वाहन से टकराई थी, जिससे उसे चोटे आईं थी। दुर्घटना में अ.क्र.1 की लापरवाही नहीं थी, इस संबंध में नक्शा मौका प्र.पी.2 जो कि घटना के समय पुलिस द्वारा तैयार किया गया है, महत्वपूर्ण है, जिससे दुर्घटना में ऋषिका की कोई लापरवाही दर्शित नहीं है, जबकि नक्शा मौका में अ.क्र.1 द्वारा लापरवाहीपूर्वक मोटर साईकिल चलाना दर्शित किया है। दुर्घटना ऋषिका की लापवाही से हुई थी, तत्संबंध में अ.क्र.1 सक्षम साक्षी था, जो कि स्थिति को स्पष्ट कर सकता था, किंतु उसका कथन नहीं कराया है। घटनास्थल पर उपस्थित बताये गये साक्षी सुरेंद्र ने स्पष्ट बताया कि अ.क्र.1 द्वारा लापरवाहीपूर्वक मोटर साईकिल चलाने के कारण ही दुर्घटना हुई थी। इस साक्षी से प्रतिपरीक्षण में कोई विपरीत तथ्य का प्रकटन नहीं कराया जा सका है। साक्षी सुरेंद्र पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। वहीं पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जॉंच में अ.क्र.1 को दुर्घटना के लिये दोषी पाया है। इस प्रकार अभिलेखगत् साक्ष्य से यह प्रमाणित है कि अ.क्र.1 ने मोटर साईकिल को लापरवाहीपूर्वक चलाकर दुर्घटना कारित की। दुर्घटना में ऋषिका की उपेक्षा होना प्रमाणित नहीं है। तद्नुसार वाद प्रश्न क्रमांक 1 एवं उसके वैकल्पिक भाग का निष्कर्ष दिया जाता है।
