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बंसोड टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा मो.नं.8982805777 सीपीसीटी न्‍यूू बैंच स्‍टार्ट

created Jan 18th 2022, 14:29 by shilpa ghorke


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2009 में भ्रष्‍ट तरीका अपनाने वाले व्‍यक्ति को आयोग्‍य करार देने की प्रक्रिया सरल बनाने का प्रावधान किया गया। इसमें भ्रष्‍ट तरीका अपनाने का दोषी पाये गए व्‍यक्ति को अयोग्‍य करार देने के लिए उसके मामले को तीन माह के अंदर राष्‍ट्रपति के पास पेश करने का समय अधिकृत अधिकारी को दिया गया है। 2009 में सभी अधिकारियों, चाहे वे सरकारी सेवा में हो या चुनाव आयोग द्वारा चुनाव संचालित कराने के लिए प्रतिनियुक्‍त किए गए हो, का किसी उम्‍मीदवार से चुनाव में उसकी जीत की संभावनाएं बढ़ाने के लिए किसी तरह की मदद लेने पर भ्रष्‍ट तरका अपनाने (100) के घेरे में किया गया। 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्‍मीदवारों द्वारा जमा की जाने वाली जमानत की राशि सामान्‍य कोटि के उम्‍मीदवारों के लिए दस हजार से बढ़ाकर पच्‍चीस हजार और अनुसूचित जाति/जनजाति के उम्‍मीदवारों  के लिए पांच हजार से बढ़ाकर बारह हजार रूपया कर दी गई। इसी तरह राज्‍य विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले सामान्‍य कोटि के उम्‍मीदवारों की जमानत राशि पांच हजार से बढ़ाकर दस हजार और अनुसूचित जाति/जनजाति के उम्‍मीदवारों की संख्‍या बढ़ने से रोकने के लिए किया गया। 2009 में मतदाता निबंधन पदाधिकारी किसी आदेश के खिलाफ सुनवाई के लिए जिला में अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान किया गया। पहले ऐसी शिकायतों की सुनवाई राज्‍य के मुख्‍य चुनाव अधिकारी किया करते थे। इस तरह मतदाता सूची को अद्यतन करने के क्रम में किसी क्षेत्र के मतदाता निबंधन पदाधिकारी के किसी आदेश के खिलाफ जिला दंडाधिकारी, या अतिरिक्‍त जिला द‍ंडाधिकारी या कार्यपालक दंडाधिकारी या जिला समाहर्ता या समान स्‍तर के किसी अन्‍य अधिकारी के पास अपील की जाएगी। इसके आगे जिला दंडाधिकारी या अतिरिक्‍त जिला दंडाधिकारी के किसी आदेश के खिलाफ राज्‍य के मुख्‍य चुनाव अधिकारी के पास अपील होगी। 2010 में विभिन्‍न कारणों से विदेशों में रहने वाले भारतीयों को वोट का अधिकार प्रदान करने का प्रावधान किया गया। इसके अनुसार भारत का हर नागरिक जिसका नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं है, जिसने किसी दूसरे देश की नागरिकता नहीं ग्रहण की है, और जो नौकरी, शिक्षा या किसी अन्‍य कारणों से भारत के अपने सामान्‍य निवास के बजाए विदेश में रहा है (चाहे अस्‍थायी रूप से या नहीं) - अपना नाम अपने संसदीय/विधानसभा क्षेत्र में, जो उसके पासपोर्ट में अंकित है, की मतदाता सूची में दर्ज करा सकता है। वर्ष 2013 में, मतदाता सूची में नामांकन के लिए ऑनलाइन फाइलिंग के लिए एक प्रावधान किया गया था। इस उद्देश्य के लिए केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग से परामर्श कर नियम बनाएं।  

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