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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Apr 21st 2022, 03:09 by Sai computer typing
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हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडन ने नई ऊर्जा नीति की घोषणा की है। इसका प्रारूप कुछ इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह पेट्राेल के बढ़ते दामों से मुकाबला कर सके। पेट्रोल की कीमतें कम करने के लिए अमरीका अपने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडरों से रोजाना 10 लाख बैरल पेट्रोल आपूर्ति के लिए देगा। यह प्रक्रिया छह महीने तक चलेगी। साथ ही, बाइडन इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए आवश्यक खनिजों के विकास को गति देने के लिए रक्षा उत्पादन अधिनियम के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। बाइडन ने कहा कि विश्व को तेल पर निर्भरता कम करनी होगी। बाइडन सरकार बड़े पैमाने पर संरक्षण उपाय सुझाने को लेकर सावधानी से चल रही है। इसका कारण है देश के भीतर तेल व पेट्रोल उद्योग से जुडी राजनीति, जो 2010 से फली-फुली है। दोनों ही दलों के राजनेता ऊर्जा स्वतंत्रता की बात करते हैं। परन्तु यह नीति अमरीकी अर्थव्यवस्था को कार्बनमुक्त करने और जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने की राह में मुश्किलें खड़े कर सकती है। बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में अमरीका ही पेट्रोल का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता हुआ करता था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उपभोग बढ़ गया, क्योंकि वैश्विक उत्पादन के चलते जीवाश्म ईंधन का उपयोग भी बढ़ने लगा। 1970 में अचानक ही इस उद्योग में आई रफ्तार थम गई और 1973 में आपूर्ति थप हो गई। अरब ने अपने तेल पर पाबंदी लगा दी और ओपेक ने तेल की कीमतें बढ़ा दी। 1970 में अमरीकी तेल उत्पादन चरम पर रहा। इन्हीं दिनों अमरीका की विदेश तेल पर निर्भरता भी बढ़ी। राष्ट्रपति रिचर्ड एम. निक्सन के प्रोजेक्ट इंडिपेंडेंस के बाद ईंधन दक्षता, संघीय सरकार की ओर से गति सीमा निर्धारण की पहल और वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों की ओर रूझान के चलते तेल आयात में कमी आई। राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 1975 का अनुकरण किया। इससे पेट्रोल की बचत हुई और इसका भंडार भर सका। 1977 में जिमी कार्टर ने तेल के बढ़ते उपभाेग और आयात पर निर्भरता को नैतिकता के खिलाफ युद्ध की संज्ञा दी और कहा कि अमरीकियों को मिल-जुल कर इस चुनौती से निपटना होगा। 1979 में महंगाई बढ़ने व ईरानी क्रांति के चलते जब तेल की कमी हो गई तो 1980 में अमरीकी तेल आयात घट गया। इससे पेट्रोल की खपत 2 फीसदी घट गई और इसकी मांग में 5 प्रतिशत कमी आई। इसके बाद आए रोनाल्ड रीगन ने ऊर्जा संरक्षण और उत्पादन बढ़ाने का संदेश दिया। 2000 तक आते-आते दुनिया के तेल भंडार खाली हो गए। इसके बाद राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने नवीनीकरण योग्य उर्जा के बारे में शोध पर बल दिया ताकि तेल की मांग कम की जा सके।
