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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट छिन्दवाड़ा म0प्र0 मो0नं0 8982805777 (CPCT, DCA, PGDCA & TALLY ) प्रवेश प्रारंभ
created May 15th 2022, 07:33 by Vikram Thakre
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इस आदेश द्वारा वादीगण प्रस्तुत आवेदन अंतर्गत आवेदन आदेश 23 नियम 91 का निराकरण किया जा रहा है। वादीगण द्वारा प्रस्तुत आवेदन संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रस्तुत वाद की विषय-वस्तु के संबंध में वादीगण का प्रतिवादी से राजीनामा हो गया है तथा प्रतिवादी ने न्यायालय के बाहर आश्वस्त किया है कि वह विवादित संपत्ति विक्रय करने की दिशा में वादीगण की सहमति प्राप्त करेगा। इस आपसी सहमति के आधार पर वादीगण उक्त प्रकरण को अब (1) आगे नहीं चलाना चाहते हैं, तथा विवाद होने पर पुन: वाद पत्र पेश करने की स्वतंत्रता रखते हुए इसी प्रक्रम पर वाद समाप्त किए जाने का निवेदन किया है। प्रतिवादी द्वारा मौखिक रूप से प्रकट किया है कि उसका वादीगण से इस प्रकरण में विवादित संपत्ति के संबंध में न्यायालय के बाहर राजीनामा हो गया है एवं इसे वादीगण द्वारा प्रस्तुत उक्त आवेदन से कोई आपित्त नहीं है। प्रकरण का अवलोकन किया गया। प्रकरण के अवलोकन से विदित है कि वादीगण (2) द्वारा दिनांक 23-092 को प्रस्तुत वाद प्रतिवादी के विरूद्ध आदेशात्मक स्थायी निषेघााज्ञा हेतु संस्िथ् किया गया था। वदीगण एवं प्रतिवादी द्वार संयुक्त रूप से एक आवेदन आदेश 23 नियम 03 प्रस्तुत किया गया था को न्यायालय द्वारा इस आधार पर निरस्त किया गया था कि उक्त राजीनामाम विधि विरू8 आदेश पर आधारि तहै वादीगण द्वारा प्रस्तुत आवेदन वाद के परित्याग हेतु प्रस्तुत किया गया है। जिसमें प्रकट किया गया है कि वादीगण एवं प्रतिवादी के (3) के मध्य राजीनामा हो गया है, इसलिए वे प्रस्तुत प्रकरण को आगे नहीं चलाना चाहते हैं। सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 23 नियम 01 उपनियम 01 के अनुसार वाद संस्थित किए जाने के पश्चात वादी सभी प्रतिवादीदियों या उनमें से किसी के भी विरूद्ध अपने वाद का परित्याग या अपने दावे के नाम का परित्याग कर सकेगा। वादीगण द्वारा उक्त आवेदन में प्रस्तुत प्रकरण को परित्याग किए जाने हेतु न्यायालय की अनुमति नहीं चाही गई है। वादीगण द्वारा अपने आवदेन में (4) में यह भी व्यक्त किया है कि पुन: विवाद होने की स्थिति में वाद पत्र पेश करने की स्वतंत्रता रखते हुए वाद पत्र वापस प्राप्त करना चाहता है और वादी द्वारा नया वाद कारण उत्पन्न होने की देशा मं प्रस्तुत करने क अनुमति करने का निवेदन किया है परंतु आदेश 23 नियम 01 के अनुसार वादी उक्त आदेश के अंतर्गत केवल प्रकरण में उत्पनन वादी कारण के संबंध में नया वाद संस्थित किए जाने की अनुमति प्राप्त कर सकता है।
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