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बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0
created Nov 29th 2022, 10:55 by sachin bansod
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405 words
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				न्यायालय उसके परिवार के प्रति न्याय देने के कार्य को पूरा नही कर सका। गोमी के परिवार के उद्देश्य अपनी बालिका की एक ऐसे जघन्य अपराधी से पर्याप्त रूप से संरक्षा करने के लिये अपने को दोष देने से कभी नही रोक सकते जैसे अपराधी ने उनकी सजगता में चूक के कारण उसके साथ जघन्यता से व्यवहार करते हुए उसके जीवन को भी छीन लिया यदि हेतुक के संबंध में अभियोजन पक्षकथन सही है, तब अपराध मात्र एक हजार रूपये की रकम के लिये कारित किया गया था। हर बार जब कोई दोषमुक्ति की जाती है तब परिणाम ठीक ऐसे ही होते है जैसे कि इसमें यहां इनके ऊपर अवेक्षा की गई है। मामलें के एक अन्य पहलू पर भी विचार किया जाना चाहिए। अभियुक्त प्रत्यर्थी को संदेह का लाभ देते हुए उच्च न्यायालय के आदेश को मान्य ठहराते हुए निर्दोष सिद्ध किया गया है वह हो सकता है कि बिल्कुल निर्दोष हो या वह अन्वेक्षक द्वारा कारित की गई रिटो के कारण सफल हुआ हो। यदि वह दोषी होने के बावजूद बच निकलता है तब अन्वेक्षक और अभियोजन अभिकरणो द्वारा गंभीर रूप से समझा जाएगा और यदि अभियुक्त को गलत और स्पष्ट किया गया था तब उसकी पीड़ा भी अत्यंत रही होगी। इस प्रक्रम पर भी अन्वेक्षक और अभियोजन अभिकरणों को दोष दिया जा सकता है। इसलिये यह आवश्यकता है कि अभियुक्त द्वारा प्रथमतया मामले के विचारण के दौरान और इसके पश्चात अपील प्रक्रमों पर भोगी को अनदेखा न किया जाये कोई दोषी व्यक्ति  कोई लंबी मुकदमेबाजी जो एक दशक तक चली थी इस तरह पीड़ा उठाने के लिये दायी नही होता है अभियुक्त द्वारा अपनी प्रतिरक्षा में किये गए खर्चो से उसके संपूर्ण वित्तीय स्त्रोत पूर्वजों या व्यापारिक रूप से अर्जित की गई हो इस समाप्त हो सकते है।  
न्यायालय उसके परिवार के प्रति भी न्याय देने के कार्य को पूरा नहीं कर सका। गोमी के परिवार के उद्देश्य अपनी बालिका की एक ऐसे जघन्य अपराधी से पर्याप्त रूप से संरक्षा करने के लिये अपने को दोष देने से कभी नही रोक सकते जैसे अपराधी ने उनकी सजगता में चूक के कारण उसके साथ जघन्यता से व्यवहार करते हुए अपने जीवन को भी छीन लिया। यदि हेतुक के संबंध में अभियोजन पक्ष कथन सही है तब अपवाद मात्र एक हजार रूपये के लिये कारित किया गया था हर बार जब कोई दोषमुक्ति की जाती है तब परिणाम भी ऐसे ही होते है जैसे की इसने यहां इसके ऊपर अवेक्षा की गई है।
 
			
			
	        न्यायालय उसके परिवार के प्रति भी न्याय देने के कार्य को पूरा नहीं कर सका। गोमी के परिवार के उद्देश्य अपनी बालिका की एक ऐसे जघन्य अपराधी से पर्याप्त रूप से संरक्षा करने के लिये अपने को दोष देने से कभी नही रोक सकते जैसे अपराधी ने उनकी सजगता में चूक के कारण उसके साथ जघन्यता से व्यवहार करते हुए अपने जीवन को भी छीन लिया। यदि हेतुक के संबंध में अभियोजन पक्ष कथन सही है तब अपवाद मात्र एक हजार रूपये के लिये कारित किया गया था हर बार जब कोई दोषमुक्ति की जाती है तब परिणाम भी ऐसे ही होते है जैसे की इसने यहां इसके ऊपर अवेक्षा की गई है।
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