eng
competition

Text Practice Mode

साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created May 30th 2023, 04:16 by Sai computer typing


1


Rating

395 words
3 completed
00:00
एक बार गॉंव के दो व्‍यक्तियों ने शहर जाकर पैसे कमाने का निर्णय लिया, शहर जाकर कुछ महीने  इधर-उधर छोटा-मोटा काम कर दोनों ने कुछ पैसे जमा किये, फिर उन पैसों से अपना-अपना व्‍यवसाय प्रांरभ किया। दोनों का व्‍यवसाय चल पड़ा। दो साल में ही दोनों ने अच्‍छी खासी तरक्‍की कर ली। व्‍यवसाय को फलता-फूलता देख पहले व्‍यक्ति ने सोचा कि अब तो मेरे काम चल पड़ा हैं। अब तो मैं तरक्‍की की सीढि़यॉं चढ़ता चला जाऊंगा लेकिन उसकी सोच के विपरीत व्‍यापारिक उतार-चढ़ाव के कारण उसे उस साल अत्‍यधिक घाटा हुआ। अब तक आसमान में उड़ रहा वह व्‍यक्ति यथार्थ के धरातल पर गिरा। वह उन कारणों को तलाशने लगा, जिनकी वजह से उसका व्‍यापार बाजार की मार नहीं सह पाया। सबसे पहले उसने उस दूसरे व्‍यक्ति के व्‍यवसाय की स्थिति का पता लगाया जिसने उसके साथ ही व्‍यापार आरंभ किया था। वह यह जानकर हैरान रह गया कि इस उतार-चढ़ाव ओर मंदी के दौर में भी उसका व्‍यवसाय मुनाफे में हैं। उसने तुरंत उसके पास जाकर इसका कारण जानने का निर्णय लिया। अगले ही दिन वह दूसरे व्‍यक्ति के पास पहुँचा, दूसरे व्‍यक्ति ने उसका खूब आदर-सत्‍कार किया और उसके आने का कारण पूछा। तब पहला व्‍यक्ति बोला दोस्‍त इस वर्ष मेरा व्‍यवसाय बाजार की मार नहीं झेल पाया बहुत घाटा झेलना पड़ा तुम भी तो इसी व्‍यवसाय में हो तुमने ऐसा क्‍या किया कि इस उतार-चढ़ाव के दौर में भी तुमने मुनाफा कमाया? यह बात सुन दूसरा व्‍‍यक्ति बोला, भाई मैं तो बस सीखता जा रहा हूँ। अपनी गलती से भी और साथ ही दूसरों की ग‍लतियों से भी जो समस्‍या सामने आती हैं। उसमें से भी सीख लेता हूँ इसलिए जब दोबारा वैसी समस्‍या सामने आती हैं। तो उसका सामना अच्‍छे से कर पाता हूँ। और उसके कारण मुझे नुकसान नहीं उठाना पड़ता। बस ये सीखने की  प्रवृत्ति ही हैं। जो मुझे जीवन में आगे बढ़ाती जा रही हैं। दूसरे व्‍यक्ति की बात सुनकर पहले व्‍यक्ति को अपनी भूल का अहसास हुआ। सफलता के मद में वो अति-आत्‍मविश्‍वास से भर उठा था और सीखना छोड़ दिया था। वह यह प्रण कर वापस लौटा कि कभी सीखना नहीं छोड़ेगा, उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और तरक्‍की की सीढि़यॉं चढ़ता चला गया।  
सीख:- यह कहानी से हमें सीख मिलती हैं। कि हमे अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और कही से सीखने को भी मिले तो सीख लेना चाहिए।   

saving score / loading statistics ...