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created Sep 18th, 07:41 by Success With You
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अभियोजन पक्ष की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि मृतिका पूजा का विवाह आरोपी आनंद के साथ वर्ष 2019 में हुआ था। दिनांक 28.03.2020 को जब मृतिका पूजा अपने ससुराल में घर पर थी तब सुबह करीब 9:30 बजे मृतिका की नंद अभिलाषा ने अपने पिता मोहन को फोन पर बताया कि भाभी पूजा ने फांसी लगा ली है। उक्त सूचना पर मोहन एवं उसकी पत्नी श्रीमती ऊषा ने घर जाकर देखा तो मृतिका पूजा गले में रस्सी बांधकर अटारी से लटकी थी। पूजा को रस्सी खोलकर नीचे उतारा तो पूजा खत्म हो चुकी थी। उक्त संबंधी देहाती मर्ग इंटीमेशन मोहन द्वारा पुलिस थाना में लेखबद्ध कराई गई, जिसके आधार पर धारा 174 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत मर्ग क्रमांक 6/2020 कायम कर जांच में लिया गया। मर्ग जांच के दौरान पूजा की लाश का नक्शा पंचायतनामा बताने हेतु साक्षीगण को सफीना फॉर्म जारी किया गया। नक्शा पंचायतनामा में पंचों ने मृतिका पूजा की मृत्यु फांसी लगाने से होना बताते हुए सही राय के लिए पोस्टमार्टम कराये जाने की सलाह दी। मृतिका पूजा के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें चिकित्सक ने मृतिका की मृत्यु फांसी लगायने जाने के परिणामस्वरूप होना बताया। मर्ग जांच के दौरान घटनास्थल का नक्शामौका बनाया गया। मृतिका के मायके पक्ष के रिश्तेदार मृतिका की मां श्रीमती रामकली व स्वतंंत्र साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये, जिन्होंने अपने कथनों में मृतिका पूजा को आरोपीगण द्वारा दहेज में मोटरसाइकिल एवं दो लाख रूपये मायके से लाने की बात को लेकर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त करना तथा इसी प्रताड़ना के कारण मृतिका पूजा द्वारा फांसी लगाया जाना प्रकट किया अनुसंधान के दौरान मृतिका के मायके पक्ष के रिश्तेदार एवं अन्य साक्षी के धारा 164 जाफ्ता फौजदारी के कथन लेखबद्ध किये गये, तत्पश्चात् आरोपीगण के विरूद्ध पुलिस थाना में दिनांक 13.04.2020 को अपराध क्रमांक 102/2020 धारा 304 भारतीय दण्ड संहिता एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 व 4 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया।
