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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Nov 20th, 13:16 by lovelesh shrivatri
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एक व्यापारी अवसाद से पीडित था। मनोचिकित्सक ने उससे कहा, सबसे पहले आप रेलवे स्टेशन जाए और किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करें जिसे मदद की जरूरत हो। वह व्यापारी स्टेशन पर गया। उसने देखा कि एक बूढ़ी औरत प्रतीक्षालय के एक कोने में बैठी रो रही है। वह अपनी बेटी से मिलने के लिए बेंगलूरू आई थी, लेकिन उसने पता खो दिया था और उसके पास होटल में रात बिताने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। व्यापारी ने टेलीफोन डायरेक्टरी से उसकी बेटी का पता ढूंढा और महिला को टैक्सी में बैठाकर वहां ले गया। रास्ते में उसने गुलाब के कुछ फूल खरीदकर उसे भेंट किए। महिला की खुशी का ठिकाना न रहा। जैसे ही उस व्यक्ति ने उस महिला से छुट्टी पाई, उसने तुरंत उस मनोचिकित्सक को फोन कर सुचित किया, अब मुझे जीवन के सच्चे आनंद का पता चल गया है। सच्चा आनंद तब मिलता है, जब बिना अपेक्षा किए किसी जरूरतमंद की मदद करते है।
