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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created May 16th, 04:35 by lovelesh shrivatri
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एक शिष्य ने सड़क पर पड़ी एक चमकती चीज पाई। उसने उसे अपने गुरू को दिखाकर उनसे पूछा, क्या यह एक असली हीरा है? ऐसा माना जाता था कि गुरू को हीरों के बारे में काफी जानकारी है। उन्होंने शिष्य से कहा पुस्तकालय जाओ और हीरों के बारे में जितनी भी जानकारी मिले, पढ़ आओ। शिष्य गया उसने हीरों के बारे में सब कुछ पढ डाला और उनकी पर्याप्त जानकारी हासिल कर लौट आया। उसके आने पर गुरू ने कहा, तुम्हें सड़क किनारे जो कुछ पड़ा मिला, वह असली हीरा है। विस्मित शिष्य बोल पड़ा, आपने मुझे यह पहले ही क्यों नहीं बता दिया। गुरू ने कहा, हां, मैं यह यकीन करता हूं कि किसी को भी नादान नहीं होना चाहिए। तुम्हें हर चीज खुद परखकर देखनी चाहिए। अब जबकि तुम्हें हीरों के बारे में पूरी जानकारी हो चुकी है, तुम इस बात की जांच खुद कर सकते हो कि मैं जो कुछ तुम्हे कह रहा हूं, यह सच हैं या नहीं। चाहे वह जिंदगी हो या फिर कीमती पत्थर, तुम खुद अपने विशेषज्ञ होने में सक्षम हो। कोई भी तुमसे अधिक अच्छी तरह सत्य को नहीं जानता, बशर्ते तुम्हें यह पता हो कि खुद के वास्तविक स्वरूप के साथ जीने का क्या मतलब होता है।
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