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VSCTI, T.R. PURAM, MORENA, DIRECTOR SS YADAV MOB: 6263735890
created Jul 22nd 2024, 03:02 by StenographerAmitJakhon
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संगम राजवंश ने विजयनगर साम्राज्य की स्थाना 1336 में की थी इसकी स्थापना हरी-हर बुक्का ने की थी। विजय नगर साम्राज्य में 5 वंश बैठे थे जो इस प्रकार हैं संगम वंश (1336-1485) सुलुव (1485-1505) तुलुव (1505-1570) इसी वंश में कृष्ण देव राय जैसे महान शासक ने शासन किया था और अंतिम वंश है अराईविडुु (1570-1645) था। रामकृष्ण मिशन ने समाज सेवा और निस्वार्थ कार्यवाही के माध्यम से मोक्ष के आदर्श पर बल दिया था। रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानन्द ने की थी जिनका बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था जिन्होंने 1 मई 1897 में इसकी स्थापना की थी स्वामी विवेकानन्द जी के गुरू का नाम था रामकृष्ण परमहंस जो गंगाधर चटोपाध्याय के नाम से भी जाने जाते थे। स्वामी विवेकानन्द जी ने दो समाचार पत्रोंं की शुरूआत की जो थे प्रबुद्ध भारत यह अंग्रेजी में था और दूसरा समाचार पत्र था उद्भोदन यह बंगाली समाचार पत्र था तथा उनके द्वारा रचित पुस्तक थीं कर्मयोग और राजयोग इन्ही के लिए हम राष्ट्रीय यूथ दिवस 12 जनवरी को मनाते हैं क्योंकि उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था और उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुुई थी। माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका अंग पोषक तत्वों को ऊर्जा में परिवर्तित करती है इसका व्यास 0.5 से 1 तक होता है कोशिका को जीवन की मूलभूत ईकाई भी कहा जाता है कोशिका की खोज का श्रेय रॉवर्ट हुक को जाता है जिन्होंने 1664 में इसकी खोज की थी परन्तुु जीवित कोशिका की खोज एंटोनी वेन ल्यूवेनहॉक ने 1675 में की थी लाइसोसोम को आत्महत्या की थैली भी कहा जाता है। अब हम आते हैं स्टेटिक जीके में तो यह है हमारा प्रश्न क्रमांक 1 संगम कविताओं में उल्लिखित तमिल शब्द ‘मुवेंद्’ का अर्थ तीन मुख्य वंश से होता है एक था चेर जिसकी राजधानी वंजी और तोंडी थी इसका प्रतीक था धनुष और तीर। दूसरा वंश था पाण्या जिसकी राजधानी थी मदुरै और पोर्ट था कोरकई इस वंश का प्रतीक था मछली और अब अंतिम वंश जो है चोल वंश जिसकी राजधानी थी तंजौर और गंगईकोण्डाचोलापुरम इस वंश का प्रतीक चिन्ह था चीता और पोर्ट था पुहर और कारेवीपट्टनम 1873 में ज्योतिबा फुले ने अपनी पुस्तक गुलामगिरी मराठी भाषा में लिखी और ज्योतिबा फुले ने ही सत्यशोधक समाज की स्थापना कर छोटी जात के लोगों को ऊपर उठाने का काम किया था इनकी अन्य पुस्तकों में से एक थी सार्वजनिक सत्यधर्म । इनकी पत्नी का नाम था सावित्री बाई फुले जिन्होंने 1848 में लडकियों के लिए पहला विद्यालय खोला और उन्हें पहली महिला अध्यापिका के सम्मान से नवाजा गया।
