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Hindi Typing For Mp Highcourt Exam and other (Neetesh Gour)

created Saturday June 21, 06:09 by Neetesh Gour


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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 415 के अंतर्गत यह नियमित आपराधिक अपील के दांडिक क्रमांक-13281/2011 में पारित निर्णय एवं दण्‍डादेश दिनांक-10.12.2024 से व्‍यथित होकर प्रस्‍तुत की है, जिसके द्वारा प्रत्‍येक अपीलार्थी/अभियुक्‍त को आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1955 की धारा 7 के अंतर्गत अपराध में दोषसिद्ध किया गया है। प्रकरण में अविवादित तथ्‍य यह है कि दिनांक-19.05.2011 को प्रात: 09:30 बजे चंदन नगर, गली नंबर-1 इंदौर स्थित मकान नंबर-74 बी में मारूति वेन क्रमांक-एम0पी0 09 एल0एन0 1858 में घरेलू उपयोगी एलपीजी गैस सिलेण्‍डर लगा हुआ था तथा गैस ट्रांसफर के बाद बीपीसी कंपनी का एक खाली हो चुका सिलेण्‍डर, एक विद्युत चलित गैस अंतरण मोटर मय प्रेशर रेग्‍युलेटर, गैस पाईप अटैच रखी हुई थीा मौके पर उपस्थित अभियुक्‍त सादिक ने उक्‍त खाली गैस सिलेण्‍डर की घरेलू कुकिंग गैस को अभियुक्‍त इकबाल हुसैन की उक्‍त मारूति वैन में ट्रांसफर किया गया था। जिला आपूर्ति नियंत्रक इंदौर हरेन्‍द्र सिंह के निर्देश पर सहायक आपूर्ति अधिकारी राजेन्‍द्र माथुर, संतोष दुबे, आईपीएस सेंगर, कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी एस एल आडवाणी, विजय सालोटे, योगेश झा सुश्री गंगा भिडे ने मौके पर जाकर जांच एवं आवश्‍यक कार्यवाही की थी। अभियोजन के अनुसार, अभियुक्‍त सैययद आजाद द्वारा 500/- रूपये लेकर घरेलू गैस सिलेण्‍डर से वाहनों के ईंधन टैंकों में कुकिंग गैस अवैध रूप से अंतरित करना स्‍वीकार किया गयाा सहायक आपूर्ति अधिकारी संतोष दुबे ने पंचसाक्षियों के समक्ष अपराध में प्रयुक्‍त सामग्री को जप्‍त कर जप्‍ती पत्रक प्रदर्श पी-3 तैयार किया तथा जप्‍तशुदा कार ऑटो एलपीजी गैस किट को पत्र प्रदर्श पी-8 लेख कर पुलिस की अभिरक्षा में दिया। शेष जप्‍तशुदा सामग्री एजेंसी के मैनेजर तरूण दुबे को सुपुर्द कर सुपुर्दगीनामा प्रदर्श पी-4 तैयार किया तथा जिला आपूर्ति नियंत्रक द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु दिये गये लिखित आवेदन प्रदर्श पी-1 के आधार पर पुलिस आरक्षी केंद्र चंदन नगर जाकर अभियुक्‍तगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी-10 लेख करवाई गई। अभियोजन साक्षीगण के पुलिस कथन लेख किये गये तथा आवश्‍यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। अपील के प्रमुख आधार यह हैं कि आलोच्‍य निर्णय स्‍थापित विधि एवं अभिलेख के प्रतिकूल होकर स्थिर रखे जाने योग्‍य नहीं है। संबंधित कर्मचारियों को कार्यवाही करने तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख करवाने की कोई अधिकारिता नहीं थी, परंतु उनके द्वारा विधिक प्रकिृया का पालन किये बिना मात्र एक घंटे में ही रिपोर्ट लेख करवा दी गई है। घटनास्‍थल पर स्थित मकान के स्‍वामित्‍व या आधिपत्‍य के संबंध में कोई दस्‍तावेज पेश नहीं हैं तथा अभियोजन साक्षीगण के न्‍यायालयीन कथन गंभीर विरोधाभासी एवं अविश्‍वसनीय स्‍वरूप के होकर उनके आधार पर अभियोजन प्रकरण प्रमाणित नहीं होता है। अपीलार्थीगण के आधिपत्‍य से किसी वस्‍तु की जप्‍ती अथवा कोई अपराध प्रमाणित नहीं हुआ है। प्रकरण में कथित रूप से जप्‍त गैस सिलेण्‍डर का वजन एवं गैस का रासा‍यनिक परीक्षण आदि नहीं करवाया गया है, परंतु विचारण न्‍यायालय ने उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍यों पर कोई विचार नहीं कर विधिविरूद्ध ढंग से आलोच्‍य निर्णय एवं दण्‍डादेश पारित किया है जो विधिपूर्ण नहीं है। अत: उक्‍त निर्णय एवं दण्‍डादेश अपास्‍त कर अपीलार्थीगण को दोषमुक्‍त किये जाने की प्रार्थना की गई है।

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