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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

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एक शिक्षक कक्षा में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ा रहे थे। उन्‍होंने कहा, पेड़ पौधों की विशेषताओं को यदि व्‍यक्ति आत्‍मसात कर ले तो उनके जीवन की एक अलग पहचान बन जाती है। कैसे गुरूजी। विद्यार्थी ने पूछा जैसे फलदार वृक्ष औषधीय वृक्ष फूलदार पेड़ पौधे, कांटे वाले पौधे और दूब के गुण मानव जीवन को अलग अलग संदेश देते है। शिक्षक बोले कैसे? दूसरा विद्यार्थी बोला, शिक्षक बोले, जैसे फलदार वृक्ष हमें फल देते है। यही गुण व्‍यक्ति अपना ले तो किसान या अन्‍नदाता की श्रेणी में जाता है। औषधीय पेड़ पौधों का गुण यदि अपना ले, तो चिकित्‍सक की श्रेणी में जाता है। संदुर फूलों और खुशबु से भरे पेड पौधों के गुण के समान अपनी कला से समाज में आनंद की खुशबु बिखरने वाले लोग इसी श्रेणी में आते है। जैसे दूब पर चलने से मन को शांति मिलती हैं, इसी तरह शिक्षक और संत के सानिध्‍य में व्‍यक्ति को मन की शांति मिलती है। इतना कहकर शिक्षक शांत हो गए। जो लोग सुरक्षा और न्‍याय के माध्‍यम से जालिमों से जनता की हिफाजत करते है और उनके मान सम्‍मान, स्‍वाभिमान और सत्‍य की रक्षा करते है, वह कांटेदार पेड़ पौधों के समान होते है। एक छात्र बोला तुम बिल्‍कुल सही कह रहे हो। गुरूजी बोले। इन उदारणों से अधिकांश छात्र चकित थे।  

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