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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 ( जूनियर ज्यूडिशियल असिस्टेंट के न्यू बेंच प्रारंभ) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Aug 20th, 05:32 by Jyotishrivatri
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धारा 27 साक्ष्य अधिनियम के मेमोरेण्डम के आधार पर जो कार्यवाही की गई है उसको भी स्पष्ट रूप से प्रमाणित नहीं किया गया है क्योंकि यह बताया गया है कि अभियुक्त सचिन ने दो मोटरसाइकिल घर पर रखना और बरामद करना बताया था। ऐसी स्थिति में दूसरी मोटरसाइकिल के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई, इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं है तथा जिस नंबर प्लेट को जप्त किया जाना बताया जा रहा है उक्त नंबर प्लेट वास्तव में उक्त मोटरसाइकिल पर लगी हुई थी, इसका कोई उल्लेख नहीं है क्योंकि पृथक पृथक जप्ती पत्रक तैयार किये गये हैं, एक जप्ती पत्रक में बिना नंबर की मोटरसाइकिल को जप्त किया जाना और दूसरे में नंबर प्लेट को जप्त किया जाना बताया गया है जबकि थाना क्राइम ब्रांच के दस्तावेज में जप्ती पत्रक के दौरान यह लेख किया गया है कि नंबर प्लेट लगी मोटरसाइकिल को जप्त किया गया था तब थाना कोतवाली द्वारा जप्ती कार्यवाही करते समय किसने नंबर प्लेट को पृथक किया, इसका कोई उल्लेख नहीं है। मेमोरेण्डम व जप्ती पत्रक के साक्षी आरक्षक हैं, उनके द्वारा स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया गया है कि मेमोरेण्डम की कार्यवाही के समय कौन कौन उपस्थित था तथा यह भी स्पष्ट किया जा रहा है कि अभियुक्त सचिन से जब धारा 41 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत कार्यवाही की गई, तो संदेह का आधार क्या रहा, इस संबंध में भी स्थिति स्पष्ट नहीं है तथा रोजनामचा में यह लिखना कि अभियुक्त ने बताया था कि उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर चोरी की थी तो उसके दोस्त के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई, इसकी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है और जो रोजनामचा सान्हा लेख किया गया है उसमें स्कॉर्पियो वाहन के बारे में लेख है किन्तु मोटरसाइकिल के संबंध में कोई स्थिति स्पष्ट हो, इसका उल्लेख नहीं है, बल्कि रोजनामचा सान्हा में वाहन रिकवर किये जाने का उल्लेख है।
