eng
competition

Text Practice Mode

श्री बागेश्‍वर अकादमी टीकमगढ़ (म.प्र) 6232538946 CPCT- नि:शुक्‍ल पुष्‍पा स्‍कूल के समाने टीकमगढ़

created Yesterday, 05:20 by Janak computer


0


Rating

249 words
88 completed
00:00
एक किसान के पास दो बाल्टियां थीं। दोनों को वह एक लकड़ी की छड़ी के दोनों सिरों पर बांधकर अपने कंधे पर रखकर रोज अपनी भरने जाता था। इनमें से एक बाल्‍टी पूरी तरह सही थी, जबकि दूसरी बाल्‍टी में एक छोटा सा छेद था  जब किसान कुएं से पानी भरकर घर लौटता तो छेद वाली बाल्‍टी आधा पानी रास्‍ते में ही गिरा देती थी। दो साल तक ऐसा चलता रहा।  
छेद वाली बाल्‍टी बहुत शर्मिदा थी, क्‍याेकि वह अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहीं थी। एक दिन उसने किसान से कहा  मालिक मुझे माफ कर दो मैं पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहीं मुझमें जो कमी है वह आपके समय और मेहनत को बर्बाद कर रही है। किसान मुस्‍क‍ुराया और बोला क्‍या तुमने ध्‍यान दिया है कि जिस रास्‍ते से हम लोटते है, उस रास्‍ते के किनारे जहां तुम हो, वहां सुंदर फूल खिले होते है, जबकि दूसरी तरफ नहीं बाल्‍टी चौंकी किसान ने आगे कहा। मैंने तुम्‍हारे छेद को समझा था, इसलिए उस रास्‍ते पर फूलों के बीज बो दिए थे। तुम जब रोज पानी गिराती थी। तो उन फूलों को पानी मिलता था। अब दो साल से मैं उन्‍हीं फूलों से घर सजाता हूं। तुम्‍हारी कमी ने किसी के जीवन को सुंदर बना दिया। है।
हमारी कमजोरियां और ताकत हमारे अंदर ही छिपी रहती है। है। अगर हम उन्‍हें अपनाएं और समझदारी से काम लें, हर इंसान की कोई कोई खासियत होती है, बस जरूरत है खुद पर भरोसा करने की।

saving score / loading statistics ...