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शिवपुरी राजीव रामधारी सिंह दिनकर प्रतिलेखन संख्या - 07
created Oct 2nd, 04:23 by Rajeev Lodhi
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अध्यक्ष महोदय, 10 वीं पंचवर्षीय योजना पर विचार करते समय सदन के दोनों पक्षों के सदस्यों ने जो महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं उन पर विचार किया जाना बहुत आवश्यक है। अध्यक्ष महोदय, 9 वीं पंचवर्षीय योजना का अब अंतिम वर्ष चल रहा है और इस योजना के अंदर जो चीजें कही गई हैं ऐसा लगता है कि उसके अंदर परिवर्तन करना कठिन है। बदला भी नहीं जा सकता।
अध्यक्ष महोदय, कुछ चीजें की जा सकती हैं। उसके अंदर आज भी कुल कितना खर्च है यह तय नहीं किया गया। केवल कटोती ही निश्चित की गई है। शुरू में मैं यह कहना चाहता हूँ कि यहॉं पर कुछ सदस्यों ने जो यह प्रश्न उठाया था कि इस पंचवर्षीय योजना का आशय कुछ सरकारी पक्ष से भी बताया है इसके अंदर कमियॉं हैं और बहुत सी कमियॉं हैं जिनके ऊपर मैं यहां कुछ दोषारोपण नहीं करना चाहता हूँ। मैं चाहता भी हूँ कि इस तरह से प्रश्न न उठाये जाऍं तो ज्यादा अच्छा है। यह योजना सरकार ने बनाई है। यह योजना मंत्री मंडल ने पहले बनाई और अनुमोदन होने के पश्चात भी इसमें कुछ कमियॉं रह गई हैं। तो यह कमी रहने का दोष किसके ऊपर है? मैं समझता हूँ सदन के सभी सदस्य इसको जानते हैं।
बहुत-से लोगों ने दिल्ली के प्रश्न उठाए, जो दिल्ली के साथ अन्याय किया गया है तो मैं समझता हूँ कि इस बारे में सब आवाज उठाऍं, इस बात की आज ज्यादा जरूरत है। मैं यह कहना चाहता हूँ भारत सरकार से या जिन्होंने ये सारी योजनाएं बनाई उन्होंने वास्तव में यहॉं के साथ बड़ा बुरा किया, यहॉं कि साथ अन्याय किया क्योंकि उन्होंने इस पंचवर्षीय योजना को बनाते समय ध्यान नहीं दिया कि क्या योजना बना रहे हैं गलत बना रहे हैं या सही बना रहे हैं। इनसे क्या लाभ-हानि होगा इन सब बातों पर उन्होंने विचार नहीं किया तो मैं समझता हूँ ऐसी परिस्थितियों के अंदर यह बात ठीक नहीं है। ऐसी दशा में यहॉं पर 5 वर्षों में आने वाली योजनाऍं बेकार बनकर रह जाऍंगी। जो कटोती निश्चित की गई है उसको समाप्त करना चाहिए। ताकि दिल्ली को हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक आदर्श नगर बना सकें। यह बहुत ही आवश्यक है यदि हम इस स्थान की उन्नति चाहते हैं इसलिए अब में अपना कथन इन शब्दों के साथ ही समाप्त करता हूँ।
अध्यक्ष महोदय, कुछ चीजें की जा सकती हैं। उसके अंदर आज भी कुल कितना खर्च है यह तय नहीं किया गया। केवल कटोती ही निश्चित की गई है। शुरू में मैं यह कहना चाहता हूँ कि यहॉं पर कुछ सदस्यों ने जो यह प्रश्न उठाया था कि इस पंचवर्षीय योजना का आशय कुछ सरकारी पक्ष से भी बताया है इसके अंदर कमियॉं हैं और बहुत सी कमियॉं हैं जिनके ऊपर मैं यहां कुछ दोषारोपण नहीं करना चाहता हूँ। मैं चाहता भी हूँ कि इस तरह से प्रश्न न उठाये जाऍं तो ज्यादा अच्छा है। यह योजना सरकार ने बनाई है। यह योजना मंत्री मंडल ने पहले बनाई और अनुमोदन होने के पश्चात भी इसमें कुछ कमियॉं रह गई हैं। तो यह कमी रहने का दोष किसके ऊपर है? मैं समझता हूँ सदन के सभी सदस्य इसको जानते हैं।
बहुत-से लोगों ने दिल्ली के प्रश्न उठाए, जो दिल्ली के साथ अन्याय किया गया है तो मैं समझता हूँ कि इस बारे में सब आवाज उठाऍं, इस बात की आज ज्यादा जरूरत है। मैं यह कहना चाहता हूँ भारत सरकार से या जिन्होंने ये सारी योजनाएं बनाई उन्होंने वास्तव में यहॉं के साथ बड़ा बुरा किया, यहॉं कि साथ अन्याय किया क्योंकि उन्होंने इस पंचवर्षीय योजना को बनाते समय ध्यान नहीं दिया कि क्या योजना बना रहे हैं गलत बना रहे हैं या सही बना रहे हैं। इनसे क्या लाभ-हानि होगा इन सब बातों पर उन्होंने विचार नहीं किया तो मैं समझता हूँ ऐसी परिस्थितियों के अंदर यह बात ठीक नहीं है। ऐसी दशा में यहॉं पर 5 वर्षों में आने वाली योजनाऍं बेकार बनकर रह जाऍंगी। जो कटोती निश्चित की गई है उसको समाप्त करना चाहिए। ताकि दिल्ली को हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक आदर्श नगर बना सकें। यह बहुत ही आवश्यक है यदि हम इस स्थान की उन्नति चाहते हैं इसलिए अब में अपना कथन इन शब्दों के साथ ही समाप्त करता हूँ।
