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कहानी: "छोटा दीपक"
created Sunday October 05, 09:12 by xemeleg
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एक गाँव में एक छोटा दीपक रहता था। वह बहुत साधारण था, लेकिन हर रात मंदिर में जलाया जाता था। एक दिन बड़े-बड़े झूमर और लाइटें मंदिर में लगाई गईं। दीपक उदास हो गया। उसने सोचा, अब मेरी ज़रूरत नहीं रही।
परंतु उसी रात बिजली चली गई। अंधेरे में सब घबरा गए। तब पुजारी ने वही छोटा दीपक जलाया। दीपक की रोशनी से मंदिर फिर से उजागर हो गया। सभी ने उसकी सराहना की।
दीपक समझ गया, चाहे हम छोटे हों, हमारी भी एक अहमियत होती है।
सीख: कोई भी छोटा नहीं होता, बस वक्त आने दो।
परंतु उसी रात बिजली चली गई। अंधेरे में सब घबरा गए। तब पुजारी ने वही छोटा दीपक जलाया। दीपक की रोशनी से मंदिर फिर से उजागर हो गया। सभी ने उसकी सराहना की।
दीपक समझ गया, चाहे हम छोटे हों, हमारी भी एक अहमियत होती है।
सीख: कोई भी छोटा नहीं होता, बस वक्त आने दो।
