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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Tuesday October 21, 05:19 by lovelesh shrivatri
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मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम आदर्शमय जीवन की हमारी संस्कृति के अगुआ है। जीवन में रामजी का महत्व इतना है कि उनसे बड़ा उनका नाम माना जाता है। राम के नाम का अर्थ है आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, सबके प्रिय आदर्श राजा। जहां कुछ उत्तम होता है, वहां राम का वास होता है। अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण का अर्थ ही है हमारे जीवन को हम राममय करें। यदि मंदिर राम के आदर्श के माध्यम से भारतीय संस्कृति को विश्व तक पहुंचाने का प्रतीक है।
विश्व की कोई ऐसी भाषा नहीं है, जिसमें रामकथा का अनुवाद नहीं हुआ है, ऐसे श्री राम अपनी जन्मभूमि में अब तक बेघर थे। राम मंदिर का निर्माण अयोध्या भर का उत्सव नहीं है, यह विश्वभर के लिए महान पर्व है। माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ने ठीक ही लिखा है कि संपूर्ण भारतीय समाज के लिए समान आदर्श के रूप में भगवान श्री रामचंद्र को उत्तर से दक्षिण तक सभी ने स्वीकार किया है। उत्तर में गुरूगोबिंद सिंह ने रामकथा लिखी है, पूर्व की और कृत्तिवास रामायण है, महाराष्ट्र में भावार्थरामायण चलती है। सुदूर दक्षिण में महाकवि कंबन द्वारा लिखित कंबरामायणम् अत्यन्त भक्तिपूर्ण ग्रंथ है। मनुष्य के जीवन में आने वाले सभी संबंधों को पूर्ण एवं उत्तम रूप से निभाने की शिक्षा देने वाला प्रभु राम के चरित्र के समान दूसरा कोई चरित्र नहीं है।
राम मंदिर निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रबल इच्छा शक्ति से हुआ है। उसकी यात्रा बहुत कठिन रही है। वर्षो तक भगवान श्री राम अपने ही घर में निर्वासित रहे। अपनी निज मंदिर की भूमि होते हुए भी राम लला को टेंट में रहना पड़ा। लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने जा रहा है। मन बहुत प्रसन्न है। राम मंदिर का भव्य, दिव्य निर्माण और अयोध्या में रामजी की प्राण प्रतिष्ठा का यह दिन राम के अपने ही घर में बेघर होने की पीड़ा से मुक्त होने का भी पर्व है। राम के देश में राम ही निर्वासित रहें, इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती थी। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हम उस वक्त के साक्षी बन रहे है, जिसमें राम मंदिर का देखा स्वप्न साकार हो रहा है। यह बहुत बड़े संघर्ष के बाद की जीत का त्योहार है। जीवन में राम रहता है तभी सब कुछ बचा रहता है। इसलिए यह राममय होने का आनंद पर्व है। हम गौरवान्वित है कि हमने जो स्वप्न देखा, उसे साकार होते देख रहे है।
विश्व की कोई ऐसी भाषा नहीं है, जिसमें रामकथा का अनुवाद नहीं हुआ है, ऐसे श्री राम अपनी जन्मभूमि में अब तक बेघर थे। राम मंदिर का निर्माण अयोध्या भर का उत्सव नहीं है, यह विश्वभर के लिए महान पर्व है। माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ने ठीक ही लिखा है कि संपूर्ण भारतीय समाज के लिए समान आदर्श के रूप में भगवान श्री रामचंद्र को उत्तर से दक्षिण तक सभी ने स्वीकार किया है। उत्तर में गुरूगोबिंद सिंह ने रामकथा लिखी है, पूर्व की और कृत्तिवास रामायण है, महाराष्ट्र में भावार्थरामायण चलती है। सुदूर दक्षिण में महाकवि कंबन द्वारा लिखित कंबरामायणम् अत्यन्त भक्तिपूर्ण ग्रंथ है। मनुष्य के जीवन में आने वाले सभी संबंधों को पूर्ण एवं उत्तम रूप से निभाने की शिक्षा देने वाला प्रभु राम के चरित्र के समान दूसरा कोई चरित्र नहीं है।
राम मंदिर निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रबल इच्छा शक्ति से हुआ है। उसकी यात्रा बहुत कठिन रही है। वर्षो तक भगवान श्री राम अपने ही घर में निर्वासित रहे। अपनी निज मंदिर की भूमि होते हुए भी राम लला को टेंट में रहना पड़ा। लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने जा रहा है। मन बहुत प्रसन्न है। राम मंदिर का भव्य, दिव्य निर्माण और अयोध्या में रामजी की प्राण प्रतिष्ठा का यह दिन राम के अपने ही घर में बेघर होने की पीड़ा से मुक्त होने का भी पर्व है। राम के देश में राम ही निर्वासित रहें, इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती थी। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हम उस वक्त के साक्षी बन रहे है, जिसमें राम मंदिर का देखा स्वप्न साकार हो रहा है। यह बहुत बड़े संघर्ष के बाद की जीत का त्योहार है। जीवन में राम रहता है तभी सब कुछ बचा रहता है। इसलिए यह राममय होने का आनंद पर्व है। हम गौरवान्वित है कि हमने जो स्वप्न देखा, उसे साकार होते देख रहे है।
