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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Today, 11:23 by lucky shrivatri
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हजारों साल पहले के ग्रंथों में से ज्ञात हुआ है कि भगवान ने हमसे पहले संसार की रचना की होगी और फिर इसे बनाया होगा अगर यह बात सच है तो इसका मतलब हमारा सौरमंडल अपने आप वजूद में नहीं आ सकता था। इसलिये इसे किसी मकसद के साथ बनाया गया होगा। धरती पर जीवन को मुमकिन बनाने के लिए जो किया गया होगा उन सबकी कुछ ना कुछ इतिहास में प्रमाणिकता रखी गयी होगी और वह प्रमाणिकता हजारों साल पुरानी हाेगी। उसमें से एक प्रमाण बाइबल का भी है। उसके मुताबिक एक समय ऐसा था जब हमारी धरती बेडौल और सुनसान थी उसमें ना कोई महादवीप था ना कोई जमीन। परंतु इस ग्रह में अगर जीवन के लिए जरूरी है तो वह है पानी। जो की इस ग्रह में था इस प्रकार हमारा सौरमंडल कई वजह से पूरी दुनिया में अनोखा है हमारी आकाशगंगा कुंडली की है और इसी संरचना की दो भुजाओं के बीच जहां बहुतकम तारे है उसमें हमारा सौरमंडल पाया जाता है। सौरमंडल एक ऐसा मंडल है जो कि ग्रेविटी बल के कारण एक दूसरे छोटे तारों या कुछ बाकी ग्रहों के इधर उधर परिक्रमा करते हैं और सौरमंडल में सूरज और उसमें कुछ खगोलीय पिंड शामिल होते है उसके अंदर बाकी तारे ग्रह है। उपग्रह और खगोलीय दूरी ओर हमारा सूरज यह सब चीजें मिलकर हमारे सौरमंडल का रचना करती है। और इसके अलावा सौरमंडल और भी बाकी पिंडों से मिलकर बना होता है। इससे पहले निकोलस कोपरनिकस ने खोजा कि सूरज दुनिया का सेंटर है ओर गणितीय अनुमान लगाने से हेलिओसेनिक प्रणाली को डेवलप करने वाले पहले इंसान में गैलीलियो गैलीली और जीन केपलर ने पता लगाया कि ग्रह सूरज के चारों और घूमते है। सौर प्रणाली अक्षर पहली बार अंग्रेजी में प्रकाशित किया। गैलीलियो गैलीली की खोज से ही हजेंस ने सेंटर के चांद टाइटन और शनि के चारों और छलले की खोज की। जियोवानी डोमिनिको केैसीनी ने शनि के चार और उपग्रह की खोज की ओर बायनरी तारे की तलाश में थे जब उसने नया धूमकेतु देखा था। इसकी कक्ष से पता चला कि यह एक नया ग्रह यूरेनस था। इस प्रकार सौरमंडल में अनगिनत तारे और ग्रह है। इसकी खोज कई वैज्ञानिकों ने की और सफल भी रहे और नई नई खोजों में आज भी तैयार है। हमारे सौरमंडल में ग्रहों की गिनती है ओर उन ग्रहों को दो दो भागों में बांटा गया है। पहला आंतरिक ग्रह ओर दूसरा बाहरी ग्रह। उनकी गिनती हजारों लाखों में है। धूमकेतु को पूछल तारा भी कहते है। इसका कारण इसके पीछे एक छोटी सी चमकदार पूछ होती है और धूमकेतु रोडी और आइस और गैस से बने होते हैं जो सूरज की परिक्रमा करते है। हमारी आकाश गंगा में अनगिनत तारे मौजूद है इनमें से एक सरूज भी है। हमारा सौरमंडल बहुत ही विशाल है। यहां अनगिनत तारे और ग्रह हैं इसे पूरी तरह से जानना या खोजना अभी संभव नहीं हो पाया है। सालों से पूरी दुनियाके खगोल वैज्ञानिक सौरमंडल के राज को उजागर करने में कठिन परिश्रम कर रहे है तथा दिन प्रतिदिन नए नए खगोलीय पहलुओं को हल कर हमारे सौरमंडल के बारे में नित नहीं जानकारी हमें दिलाते हैं आने वाले दिनों में हमें इस सौरमंडल के बारे में कई जरूरी और रोचक जानकारियां एवं खोज के बारे में सूचना मिलेगी हम यही आशा करते है।
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