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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

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उपरोक्‍त साक्षियों के अतिरिक्‍त अन्‍य किसी साक्षी को परीक्षति नहीं किया गया है। अत: अब यह देखा जाना है कि क्‍या एकमात्र विवेचक के कथन से यह मान्‍य किया जा सकता है कि आरोपी द्वारा कूटकृत नम्‍बर प्‍लेट का उपयोग कूटकरण के उद्देश्‍य से किया गया। अभियोजन की ओर से प्रस्‍तुत घटनाक्रम के विषय में पुष्टिकारी साक्षी अभिमन्‍यु सिंह का आरोपी से पूर्व की कोई वैमनस्‍यता होना दर्शित नहीं है और ही इस आशय का कोई बचाव आरोपी द्वारा लिया गया है। अभियुक्‍त कथन में समस्‍त विपरीत परिस्थितियों को आरोपी ने इंकार किया है और अंत में कहा है कि पुलिस ने उसे थाने में बुलाकर गाली दी थी विरोध करने पर उस पर असत्‍य मामला दर्ज हुआ है। यद्यपि थाने में बुलाकर असत्‍य मुकदमा दर्ज किये जाने का पृथक से कोई पुष्टिकारक साक्ष्‍य नहीं है फिर भी यह विधि का स्‍थापित सिद्धांत है कि अभियोजन पर अपना मामला स्‍वयं सिद्ध करने का भार होता है वह बचाव पक्ष की किसी कमजोरी का लाभ नहीं ले सकता। उपनिरीक्षक अभिमन्‍यु सिंह मुख्‍य परीक्षण के चरण संख्‍या 1 में कहा है कि प्रधान आरक्षक द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान प्रश्‍नगत वाहन रोककर चेक किया गया था, लेकिन प्रधान आरक्षक को साक्ष्‍य सूची में शामिल नहीं किया गया है और ही उसे साक्ष्‍य कटघरे में घटना की पुष्टि बाबत आहूत किये जाने की दिशा में अभियोजन द्वारा कोई प्रयास ही नहीं किया गया है। प्रतिपरीक्षण चरण संख्‍या 9 में साक्षी का कहना है कि वह घटना दिनांक को थाना में दिवस अधिकारी था लेकिन ड्यूटी प्रमाणपत्र प्रस्‍तुत नहीं किया है और ही इस साक्षी के कथन से दर्शित है कि स्‍वयं वह चेकिंग के दौरान घटनास्‍थल पर उपस्थित था। इस तथ्‍य को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता कि नंबर प्‍लेट के कूटकरण के संबंध में अभियोजन ने अपना मामला आर्टिकल पर आधारित किया है।

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