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3 दिसम्बर 2025 द्वितीय शिफ्ट में आया पैसेज

created Today, 07:15 by shrinarayan


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होमी भाभा भारत के उन महान वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं जिन्होंने देश में परमाणु के शांतिपूर्ण उपयोग की नींव रखी। उनका जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई में हुआ था। बचपन से ही वे गणित और भौतिकी में अत्यधिक रुचि रखते थे और कठिन विषयों को भी सरलता से समझ लेते थे। उच्च शिक्षा के लिए वे कैंब्रिज गए और अपने शोध कार्य से वैज्ञानिक समुदाय को किया। भारत लौटने पर उन्होंने देश में वैज्ञानिक संस्थानों की आवश्यकता को समझा और टाटा ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भाभा का स्पष्ट मानना था कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संसाधनों का विकास जरूरी है, इसलिए उन्होंने परमाणु को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया। उनकी दूरदर्शिता के कारण भारत ने कम समय में परमाणु अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई। वे हमेशा युवा वैज्ञानिकों को करते थे और कहते थे कि विज्ञान केवल तक सीमित नहीं है, बल्कि निर्माण का आधार भी है। 24 जनवरी 1966 को एक विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया, परंतु उनके विचार और योगदान आज भी देश के वैज्ञानिक सफर को दिशा करते हैं। यह तो होमी भाभा के का वह पहलू है जिसके बारे में पूरी दुनिया जानती है मगर उन्हें ग्रेट होमी भाभा केवल फिजिक्स के प्यार ने नहीं बनाया। शास्त्रीय संगीत, मूर्तिकला, चित्रकला तथा नृत्य आदि में समान रूचि और दक्षता उनके का दूसरा पक्ष है। वह क्षेत्र जिसके लिए उन्होंने कहा था कि कला, संगीत,

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