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CPCT CENTER जिला पंचायत उमरिया म0प्र0 9301406862

created Yesterday, 12:12 by jindgi7717


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22 अप्रैल, को पाकिस्‍तान स्थित आतंकवादी समूह ''द रेजिस्‍टेंस फ्रंट'' (टीआरएफ) ने भारत के पहलगाम में एक भीषण हमला किया। इस हमले में धर्म के आधार पर अलग-अलग करके 26 निर्दोष  पर्यटकों की बेरहमी से हत्‍या कर दी गई। टीआरएफ कुख्‍यात पाकिस्‍तान समर्थित आतंकवादी संगठन लश्‍कर-ए-तैबा की एक शाखा है। हमले के बाद टीआरएफ ने कुछ ही घंटों के भीतर एक बार नहीं बल्कि दो बार इस हमले की जिम्‍मेदारी ली। पाकिस्‍तान द्वारा इन आतंकवादी नेटवर्कों को स्‍वीकार करने या उन पर अंकुश लगाने से इनकार करने के कारण भारत को ए‍क जिम्‍मेदार लेकिन दृढ़ कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस जवाब में, 7-8 मई 2025 की रात को, भारत सरकार ने ''ऑपरेशन सिंदूर'' चलाया गया। यह कार्रवाई पाकिस्‍तान और पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर के नौ अलग-अलग स्‍थानों पर स्थित आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को ध्‍वस्‍त करने की थी, जो तनाव बढ़ाने वाली नहीं, सटीक और लक्षित कार्रवाई थी। इसमें किसी भी सैन्‍य लक्ष्‍य या निशाना नहीं बनाया गया। हालांकि 8 मई, सुबह, पाकिस्‍तान ने जवाबी कारवाई करते हुए उत्‍तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में स्थित एक दर्जन से अधिक भारतीय ठिकानों को निशाना बनाकर समन्वित ड्रोन और मिसाईल हमले किए, जिनमें श्रीनगर, जम्‍मू, पठानकोट, अमृतसर, लुधियाना, भटिंडा और भुज शामिल थे। भारत की मजबूत एकीकृत ड्रोन रोधी प्रणाली और बहुस्‍तरीय वायु रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों को नाकाम कर दिया और बरामद मलबे का संबंधि स्‍पष्‍ट रूप से पाकस्‍तानी मूल का पाया गया।  
तो क्‍या ? यह युद्ध का प्रारंभिक दौर माना जाए ? या इसकों पाकिस्‍तानी की नाकामी का दर्जा दिया जाये। इसी को हम @करके सोशल मीडिया पर दिखाया गया। जो कि एक पराजय के = बराबर है।  
पाकिस्‍तान का  मजाब बनना वर्तमान दुनिया में एक आम बात है जो कि हमेशा कहीं-न-कहीं किसी-न-किसी तरह से होता रहा है। तथा वह आज के दौर में बहुत ही निचली रफली स्थिति का सामना कर रहा है।  

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