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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Yesterday, 11:36 by Jyotishrivatri
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शिक्षक वह होते हैं जो अपनी ज्ञान की आभा से हमें प्रकाशित करते हैं और हमारा मार्गदर्शन करते हैं। यह किसी भी आयु वर्ग के लोग हो सकते हैं और इनका हमारे जीवन को सफल बनाने में बहुत बड़ा योगदान होता है। इतिहास में जितने भी महान पुरूष हुए सभी के शिक्षकों का जिक्र हमें मिलता है। शिक्षक जिसे हम गुरू कहकर भी बुलाते हैं और हमारे अभिलेखों में गुरू को वंदनीय एवं पूजनीय बताया गया है। हम हर गुरूपूर्णिमा के अवसर पर इनकी पूजा करते हैं। हमारे पुराणों में गुरू को भगवान से बढ़ बताया गया है वो इसलिए कि यह माना जाता है कि धरती पर इंसान जब आया तो उसे भगवान का बोध नहीं था वह गुरू ही है जिसने इंसान को भगवान से अवगत कराया इसलिए पहले गुरू की पूजा की जाती है और उसके बाद भगवान की। हमारे हिंदू परंपराओं में शिक्षक को भगवान से भी बड़ा माना जाता है। किसी भी समाज को विकसित करने के लिये यह जरूरी है कि वहां के लोग शिक्षित हों और एक शिक्षक ही ऐसे समाज का निर्माण कर सकता है। अर्थात शिक्षक को हम किसी देश के प्रगति का सूचक मान सकते हैं। वे सभी को शिक्षित करते हैं और अपनी ज्ञान की आभा से चमकना सिखाते हैं जिससे बालक क्षितिज से निकलती अरूण किरणों से सफर तय कर के नभ तल पर आकर सूर्य की तरह चमकना सीख जाते हैं और देश का नाम रौशन करते हैं। इंसान चाहे जितना भी बड़ा हो जाए उसे कभी न कभी एक मार्गदर्शक कि जरूरत जरूर पड़ती है और आपका मार्गदर्शक ही आपका शिक्षक व गुरू है। गुरू की सीमा केवल पाठशाला की किताबों तक सीमित नहीं होती जरूरत पडने पर वे अनुपम मित्र भी बन जाते हैं और आपकी हर प्रकार से सहायता भी करते हैं। ऐसे तो हर वह इंसान शिक्षक कहलाता है जिससे आप कुछ सीखते हैं चाहे वह आपकी मां ही हो। मां किसी भी इंसान की पहली शिक्षक होती है जो उसे चलना व बोलना जैसी मूलभूत जरूरते सिखती है। शिक्षक वह इंसान है जो आपको पाठशाला में शिक्षा देते हैं जो जरूरत पडने पर हर प्रकार से आपको अज्ञान के अंधेरे से बाहर निकालते हैं। हम अपने शिक्षकों का जितना भी गुणगान करें कम ही है और छात्रों के जीवन में उनके पाठशाला के शिक्षकों का बहुत योगदान होता है। भले किसी के जीवन में गुरू अलौकिक रूप से रहते हैं परंतु उसके अनुयायियों के बहेतर प्रदर्शन से गुरू की चर्चा खुद ब खुद होने लगती है। शिक्षक की जरूरत सर्वत्र होती है जिसे नकारा नहीं जा सकता। उनकी शिक्षा की झलक हमें उनके छात्रों में मिल जाती है। एक बेहतर गुरू सदैव अपने छात्र को आगे बढने के लिये प्रेरित करता है। हमें अपने गुरू का आदर करना चाहिये और सही मायनों में गुरू का आदर तभी हो सकता है जब हम उनके बताए गए मार्ग पर चलें। एक शिक्षक होना बहुत कठिन कार्य है और नमन है सभी शिक्षकों को जिसने मेरे जीवन में अहम भूमिका निभाई। आज कल के दौर में फोन और सोशल मीडिया की मदद से लोग आपस में जुडे रहते हैं और शिक्षकों से जुडे रहने के ये सबसे बढिया तरीके हैं। जो शिक्षक का पेशा चुनते हैं वाकई में काबिले तारीफ होते हैं। नमन है ऐसे हौसलों को नमन है सभी शिक्षकों को।
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