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CPCT CENTER जिला पंचायत उमरिया (म.प्र.) संपर्क:- 9301406862

created Yesterday, 06:04 by jindgi7717


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समाज में कई कुरीतियॉं (बुरी प्रथाऍं) फैली हुई हैं, जिनमें मुख्‍य रूप से दहेज प्रथा, बाल विवाह, जातिवाद, लैंगिक भेदभाव, महिला उत्‍पीड़न, और अंधविश्‍वास शामल हैं, जो गरीबी, अशिक्षा और रूढि़वादी सोच के कारण पनपती हैं और कन्‍या भ्रूण हत्‍या, घरेलू हिंसा जैसे गंभीर समस्‍याओं को जन्‍म देती हैं; इन्‍हें दूर कने के लिए शिक्षा और जन-जागरूकता अभियान आवश्‍यक हैं।  
प्रमुख्‍या सामाजिक कुरीतियॉं:-  
दहेज प्रथा:- विवाह के समय वर पक्ष द्वारा वधू पक्ष से धन और संपत्ति की मांग, जो शोषण का कारण बनती है।  
बाल विवाह:- कम उम्र में बच्‍चों, खासकर लड़कियों, का विवाह कर देना, जिससे उनका भविष्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य प्रभावित होता है।  
जातिवाद और भेदभाव:- सामाजिक असमानता और ऊंच-नीच की भावाना, जिससे समाज में विभाजन होता है।  
महिला उत्‍पीड़न:- महिलाओं के खिलाफ हिंसा, घरेलू हिंसा, और उन्‍हें समान अधिकार मिलना।  
कन्‍या भ्रूण हत्‍या:- लड़की होने के डर से गर्भ में ही भ्रूण  की हत्‍या करना, जो लैंगिक असंतुलन पैदा करता है।  
अंधविश्‍वास और रूढि़वादिता:- तर्कहीन मान्‍याताओं पर आधारित प्रथाऍं, जैसे सती प्रभा (अब प्रतिबंधित), जो महिलाओं के जीवन को कठिन बनाती हैं।  
नशीली दवाओं का दुरुपयोग और शराबखोरी:- व्‍यक्ति और समाज दोनों के लिए हानिकारक।  
इन कुरीतियों के कारण:-  
गरीबी और अशिक्षा:- यह समाजिक बुराईयों की जड़ हैं, जो लोगो को सही-गलत का फर्क समझने से रोकती है।  
पितृसत्‍तात्‍मक सोच:- महिलाओं को पुरूषों से कम आंकना और उन्‍हें दबाना।  
पुरानी परंपराऍं:- सदियों से चली रही गलत मान्‍याताऍं, जिन्‍हें धर्म या संस्‍कृति का नाम दिया जाता है।  
समाधान के उपाय:-  
शिक्षा का प्रसार:- गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा से लोगों में जागरूकता आती है।  
जागरूकता अभियान:- जनसभाओं, पर्चों और अभियानों के जरिए लोगों को इन बुराईयों के नुकसान बताना।  
कड़े कानून और उनका पालन:- बाल विवाह निषेध अधिनियम जैसे कानूनों को सख्‍ती से लागू करना।  
रोजगार के अवसर:- गरीबी और बेरोजगारी कम होने से सामाजिक बुराइयों में कमी आती है।  

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