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श्री बागेश्वर अकेडमी टीकमगढ़ (म.प्र) मों-6232538946 dca, pgdca, cpct (pushpa school ke samne tikamgarh (m.p)
created Today, 03:55 by Nitin tkg
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रामकुमार मुखोपाध्याय समकालीन बांगला साहित्याकाश के उन उज्जवल नक्षत्रों में से है, जिन्होने अपने समय को बंगाल के गांव, कस्वे और महानगर इन तीनों भुवन को आम जनता में ढूंढने की कोशिश की है। उनकी कहानियां मन की गहराई को छू लेती है। उनकी कहानियां में जों गांव है वहां के पशु-पक्षी पेड़-पौधे खेत-तालाब ग्रामीण जनता और उनका संघर्ष सब कुछ जैसे जीवंत हो उठता है बिलकुल रेणु की ही तरह उनकें गांव भी विश्वास-अविश्वास अंधकार-प्रकाश आदि को लेकर साकार हो उठते है उनकी कहानियों के पात्र रक्त-मांस के बने अति तुच्छ मानव साधारण जीवन यापान करते थे।
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