eng
competition

Text Practice Mode

BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH-CPCT Speed test

created Apr 12th 2017, 02:59 by AnujGupta1610


3


Rating

214 words
171 completed
00:00
लोक कहावतों को यदि सामाजिक न्‍याय की चलती-फिरती अदालतें कहें तो भी अत्‍युक्ति नहीं। किसी बड़े से बड़े विवाद का कम-से-कम समय और शब्‍दों में अचूक निर्णय देने की इनमें अद्भुत क्षमता होती है। दलीलें और उपदेश भी जहां हार जाते हैं, वहां कहावतें अपना रंग जमाती आई है। ये शिलाओं पर अंकित राज-आज्ञाएं नहीं हैं, वरन मानव हृदय से उद्भूत भावनाओं के ऐसे पक्षी हैं जो एक ओंठ से दूसरे ओंठ पर उड़ते हुए शताब्दियों के ओर-छोर नापते आए हैं। ये विचारों के ऐसे तिनके हैं, जो डूबते को उभरने का सहारा दे जाते है। ज्ञान के ऐसे सिक्‍के हैं जो सब देशों और कालों में समान रूप से चलते आए हैं।
    अनादि काल से अनन्‍त काल तक मानव की जो जीवन यात्रा प्रवाहमान है, उसमें जहां भी रुकावट आई या उसने अपने मार्ग में विजय पाई, वहीं उसने अपने अनुभवों को अत्‍यन्‍त ही बारीक ढंग से काव्‍यमयी भाषा में संजोकर रख लिया है। उसके ये अनुभव ही सुन्‍दर भावों से श्रृंगार कर कल्‍पाना के पंखों पर सवार हो, पैनी सूझ के सहारे लोक कहावतों के रूप में देश-विदेशी की यात्रा करते आए हैं। आदमी पर जब भी संकट आया या वह अपने आप में ही उलझ गया, तब वह इन कहावतों का छोर पकड़ कर सहज ही उससे पार हो गया है।

saving score / loading statistics ...